देहरादून: सचिव, ऊर्जा श्रीमती राधिका झा ने उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम एवं पाॅवर ट्रांसमिशन कार्पोरेशन आॅफ उत्तराखण्ड लि0 की संयुक्त समीक्षा बैठक मे अधिकारियों को निर्देश दिये कि जल विद्युत ऊर्जा उत्पादन पर ध्यान केन्द्रित कर निर्माणाधीन परियोजनाओं को शीघ्र पूर्ण करें, ताकि राज्य को उनका लाभ मिल सके। उन्होंने राज्य मे जल विद्युत का उत्पादन राष्ट्रीय औसत से कम होने पर चिंता व्यक्त की गई तथा महत्वाकांक्षी व्यासी जल विद्युत परियोजना को दिसम्बर 2018 तक पूर्ण कर कार्यशील करने के निर्देश दिये। अन्य राज्यों विशेषकर हिमांचल प्रदेश के सफलतम माॅडलों का अध्ययन कर इन्हें उत्तराखण्ड राज्य मे लागू किये जाने हेतु कार्ययोजना बनाने के निर्देश भी श्रीमती झा ने दिये।
सचिव ऊर्जा ने विद्युतीकरण की जद से बाहर 64 गाँव मे विद्युत आपूर्ति पहँुचाने के लिये तीनो निगमो को आपसी तालमेल के साथ प्रभावी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने संचालन एवं रखरखाव व्यय, ब्रेक डाउन/शट डाउन एवं विद्युत उपलब्धता जैसे मानको के आधार पर प्रत्येक सर्किल की परफार्मेंस रैकिंग आई0टी0 आधारित प्लेटफार्म पर सुनिश्चित किये जाने तथा दिवस आधार पर रिकार्ड किये जाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये ताकि तद्नुरूप सर्किलवार कमियों के निराकरण के लिये ठोस कार्ययोजना बनाई जा सके। श्रीमती झा ने पारदर्शी स्थानान्तरण नीति का गठन करने एवं उसमे इन परफार्मेंस मानको को समाहित करने के निर्देश भी उच्चाधिकारियों को दिये गये। विभागीय उच्चाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे रोस्टर बनाकर नियमित रूप से प्रत्येक सर्किल का भ्रमण सुनिश्चित करें।
सचिव ऊर्जा ने प्रोक्योरमेन्ट मे गुणवत्ता तथा पारदर्शिता रखे जाने तथा चयन के मानक भारत सरकार के मानको के अनुरूप किये जाने के निर्देश दिये। निम्न गुणवत्ता के ट्रांसफार्मर क्रय प्रकरण की तृतीय पक्ष तकनीकी जाँच तत्काल कराने तथा भविष्य मे ट्रांसफार्मर एवं लाईन्स की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता न किये जाने के सख्त निर्देश श्रीमती झा ने दिये। सचिव ऊर्जा द्वारा आगाह किया गया कि भ्रष्टाचार के किसी भी प्रकरण को बर्दाश्त नही किया जायेगा तथा कठोरतम कार्यवाही अमल मे लाई जाये। बैठक मे अपर सचिव ऊर्जा श्री रणवीर सिंह चैहान तथा जल विद्युत निगम एवं पिटकुल के प्रबंध निदेशक सहित उच्चाधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
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