देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रवासी उत्तराखण्ड वासियों से प्रदेश के विकास में सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सुदूरवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विकास तथा स्थानीय उत्पादों के व्यवसायीकरण एवं काश्तकारो के आर्थिक उन्नयन में भी वे सहयोगी बन सकते है। उन्होंने प्रवासी उत्तराखण्ड वासियों से राज्य के विकास से सम्बंधित सुझावों से भी अवगत कराने को कहा। इससे राज्य के विकास एवं प्रगति के लिए भी नये आधार प्राप्त हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड प्रवासी मंच एवं उत्तरांचल बिजनेस आॅनर एसोसिएशन नई दिल्ली के प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रांे तक स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने से बेरोजगारी व पलायन को रोकने में मदद मिलेगी। इसके लिये प्रदेश के 670 न्याय पंचायतो को ग्रोथ सेन्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है।
उत्तरांचल बिजनेस आॅनर एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री गोपाल रावत तथा उत्तराखण्ड प्रवासी मंच के अध्यक्ष श्री विक्रम रावत ने बताया कि उनके द्वारा प्रदेश में आर्गेनिक फूड की मार्केटिंग ट्रेनिंग व रोजगार सृजन की दिशा में कार्य किया जा रहा है। राज्य के विभिन्न स्वयं सहायता समूहों को उन्होंने जोडा है। राज्य के उत्पादो की मार्केटिंग भी उनके द्वारा की जा रही है। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रो में स्टोरेज की व्यवस्था पर बल दिया। युवाओ के क्षमता विकास में भी उन्होंने सहयोगी बनने की मंशा जाहिर की है तथा बताया कि गांव-गंगा-गरीब के हितों के लिये भी वे प्रयासरत है। इस अवसर पर प्रवासी मंच के सदस्यों में श्री राकेश रावत, श्री मनीष उप्रेती आदि उपस्थित थे।