देहरादून: एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के कंट्री डायरेक्टर केनेची योकायामा और मुख्य सचिव एस0 रामास्वामी की सहअध्यक्षता में उत्तराखण्ड में संचालित एडीबी परियोजनाओं के प्रगति की समीक्षा की गई। एडीबी के कंट्री डायरेक्टर ने परियोजना के प्रगति की सराहना की और आगे भी सहयोग जारी रखने का भरोसा दिलाया । मुख्य सचिव ने कार्य में और तेजी लाने के निर्देश दिये। उत्तराखण्ड इमरजेंसी असिस्टेंस प्रोग्राम के बारे में बताया गया कि 98 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। 75 प्रतिशत कार्यों का भुगतान हो गया है।
उत्तराखण्ड विद्युत क्षेत्र निवेश कार्यक्रम के अन्तर्गत एशियन डवलेंपमेंट बैंक द्वारा पोषित निर्माणाधीन कालीगंगा-प्रथम, कालीगंगा-द्वितीय एवं मध्य महेश्वर लघु जल विद्युत परियोजनाओं तथा 400 केवी डबल सर्किट (192 किमी0) श्रीनगर-काशीपुर पारेषण लाईन एवं काशीपुर सब स्टेशन में 2 बे सम्बन्धी परियोजना अपर सचिव(ऊर्जा), उत्तराखण्ड द्वारा उपरोक्त निर्माणाधीन परियोजनाओं की प्रगति से अवगत कराया गया। एशियन डेवलेंपमेंट बैंक ने 127.38 मिलियन डालर की वित्तीय सहायता की सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान करने की सहमति दी है। 127.38 मिलियन डालर की वित्तीय सहायता में 28.38 मिलियन डालर की वित्तीय सहायता निर्माणाधीन कालीगंगा-प्रथम, कालीगंगा-द्वितीय एवं मध्यमहेश्वर लघु जल विद्युत परियोजनाओं को पूर्ण कराने के उद्देश्य से यूजेवीएन लिमिटेड़ को दी जायेगी एवं शेषवित्तीय (99 मिलियन डालर) सहायता श्रीनगर-काशीपुर पारेषण लाईन के निर्माण एवं काशीपुर सब स्टेशन के उच्चीकरण हेतु उत्तराखण्ड पावर ट्रांन्समिशन काॅपोरेशन लिमिटेड़ को दी जायेगी।
उत्तराखण्ड शहरी क्षेत्र विकास निवेश कार्यक्रम के अन्तर्गत संपादित किये गये एवं गतिमान कार्यो की प्रगति पर ए0डी0बी0 को अवगत कराया गया। कार्यक्रम के अन्तर्गत ट्राॅच-1 के अन्तर्गत रू0 364 करोड़ तथा ट्राॅच-2 के अन्तर्गत रू0 560 करोड़ के सापेक्ष सम्पन्न किये जा चुके तथा वर्तमान में प्रगति पर तथा लोन अवधि दिनांक 23.01.2018 तक समस्त कार्यो को पूर्ण किये जाने के सम्बन्ध में विचार-विमश किया गया। ए0डी0बी0 प्रतिनिधियों द्वारा ट्राॅच-1 के कार्यो की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया गया था तथा ट्राॅच-2 के कार्यो को लोन अवधि में पूर्ण किये जाने हेतु प्रदेश स्तर से और अधिक प्रयास किये जाने हेतु बल दिया गया। कार्यक्रम निदेशक, यू0यू0एस0डी0आई0पी0 द्वारा ए0डी0बी0 को लोन अवधि में कार्यक्रम स्तर से विशेष प्रयास कर, अधिक से अधिक कार्य पूर्ण करने हेतु ए0डी0बी0 को आश्वस्त किया गया।
इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट इंवेस्टमेंट प्रोग्राम फार टूरिज्म के ट्रांच 2 और ट्रांच 3 कार्यो की समीक्षा की गई। सचिव पर्यटन डाॅ0आर0मीनाक्षी सुंदरम और कार्यक्रम निदेशक सविन बंसल ने एडीबी को बताया कि राज्य की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान है। इसलिए इस क्षेत्र में और अधिक सहयोग व निवेश की आवश्यकता है। बताया कि क्षेत्र विशेष की जरूरत के मुताबिक परियोजना बनाई जायेगी, जिससे कि उस गंतव्य का सम्पूर्ण विकास किया जा सके। मुख्य सचिव ने सुझाव दिया कि विरासत वाले स्थलों का विकास करते समय इस बात का ध्यान रखा जाय कि उसका मूल स्वरूप बना रहे। उत्तराखण्ड रोड इंवेस्टमेंट प्रोग्राम के बारे में बताया गया कि एडीबी के दो ट्रांच पूर्ण हो गये हैं। तीसरे ट्रांच में 18 से 13 पैकेज पूर्ण हो गये हैं। तीन पैकेज पूर्ण होने वाले हैं और शेष दो पैकेज की निबिदा दोबारा किये गये हैं। इस चरण के 140 मिलियन डालर में 94 मिलियन डालर व्यय हो गये हैं, शेष दिसम्बर, 2017 में हो जायेंगे। इसके अलावा हाईवे के सुधार के लिए 350 मिलियन डालर मंजूर हुआ है। इससे 1000 कि0मी0 स्टेट हाइवे का सुधारीकरण कर दो लेन बनाया जायेगा।
बैठक में एडीबी के प्रमुख पोर्टफोलियो प्रबंधन विशेषज्ञ योशिनोबू, उर्जा प्रमुख प्रदीप परेरा, परिवहन टीम लीडर अनिल मोटवानी, प्रोजेक्ट आफिसर प्रभास साहू, शहरी विशेषज्ञ अशोक श्रीवास्तव, सौगत दास गुप्त और एसोसियेट प्रोजेक्ट आफिसर सौरव मजूमदार उपलब्ध थे। उत्तराखण्ड सरकार की ओर से सचिव अमित नेगी, राधिका झा, मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव श्रीधर बाबू अद्दांकी, सविन बंसल, षणमुगम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।