देहरादून: उत्तराखंड राज्य पंचायतीराज क्षमता विकास एवं कार्यक्रम प्रबंधन समिति की पहली बैठक सचिवालय में प्रमुख सचिव पंचायतीराज श्रीमती मनीषा पवांर की अध्यक्षता में हुई। समिति का गठन सोसायटी पंजीकरण के द्वारा की गई। पंचायतीराज सम्बंधी सभी गतिविधियों का संचालन समिति के माध्यम से की जायेंगी। समिति में पंचायत प्रतिनिधियों को भी सदस्य बनाया गया है।
प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पवांर ने बताया कि पंचायमतीराज संस्थाओं में क्षमता विकास के लिए सतत् प्रशिक्षण कार्यक्रम चलते रहने चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक जनपद के दो प्रतिनिधियों, ब्लाक प्रमुख और ग्राम प्रधान को मई माह में अन्तर्राज्यीय भ्रमण कराया जाय। ग्रामीण स्वच्छता में अनूठी पहल करने वाले तमिलनाडु राज्य की पहल से उन्हें परिचित कराया जाय। इससे ठोस और तरल अवशिष्ट प्रबंधन की बेहतर जानकारी उन्हें मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि खुले में कूड़ा फेंकन वालों पर आर्थिक दंड लगाने का अधिकार पंचायतों को है। उन्हें कूड़ा इकट्ठा करने, डिग्रेडेबल और नान डिग्रेडेबल अलग करने और कूड़ा निस्तारण प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाय। पंचायतों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की भी जानकारी दी जाय। प्रमुख सचिव पंचायतीराज ने बताया कि ई-पंचायत के तहत 11 साफ्टवेयर विकसित किये गये हैं। इसे सभी न्याय पंचायतों में लागू करना है। ई-पंचायत के लिए राज्य परियोजना और जिला परियोजना कार्यालय का गठन किया जायेगा।
बैठक में अपर सचिव पंयायतीराज श्री हरिशचंद्र सेमवाल, पंचायतीराज निदेशालय के अधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे।