देहरादून: राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने संसदीय समितियों के कार्य को बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इन्हें गम्भीरता से लिया जाना चाहिए। संसदीय लोकतंत्र में संसदीय समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विधायकगण सदन के सत्र के समय विभिन्न विभागों से प्राप्त लिखित सामग्री व सूचनाओं का गहन अध्ययन करें। राज्यपाल, उत्तराखण्ड विधानसभा के सदस्यों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
गुरूवार को एक स्थानीय होटल में आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम का राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल, विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, विधानसभा उपाध्यक्ष श्री रघुनाथ सिंह चैहान, संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रकाश पंत, नेता प्रतिपक्ष डाॅ. इंदिरा हृद्येश ने दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ किया।
राज्यपाल ने कहा कि भारत में लिखित संविधान है। संसदीय परम्पराओं का भी महत्व है। जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप विभिन्न संस्थाओं व नियमों में सकारात्मक सुधार लाने के लिए संविधान संशोधन की व्यवस्था है। राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम में नवनिर्वाचित विधायकों को संसदीय नियमों व परम्पराओं की जानकारी मिलेगी। वरिष्ठ व अनुभवी विधायकगण अपने अनुभव साझा करेंगे जिससे नए विधायक लाभान्वित होंगे और उनकी विभिन्न जिज्ञासाओं का समाधान होगा। राज्यपाल ने प्रबोधन कार्यक्रम में व्याख्यान हेतु आमंत्रित वरिष्ठ राजनीतिज्ञ डाॅ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी व लोकसभा सचिवालय के पूर्व महासचिव जीसी मल्होत्रा को सम्मानित भी किया।