देहरादून: उत्तराखंड के टाइगर रिजर्व में इस वर्ष 63 बाघों की बढोत्त्तरी के साथ कुल 242 बाघों की मौजूदगी दर्ज की गयी है। इसके अलावा, दोनों टाइगर रिजर्वों में 11 शावक भी पाये गये हैं।
कार्बेट टाईगर रिजर्व और राजाजी टाईगर रिजर्व में बाघो की गणना के वर्ष 2016-17 के ताजे आंकडे आज यहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जारी किये।
मुख्यमंत्री रावत ने वन विभाग को बधाई देते हुए कहा कि बाघों के संरक्षण में उत्तराखण्ड द्वारा शानदार काम किया जा रहा है और क्षेत्रफल के अनुपात में बाघों की संख्या के मामले में उत्तराखण्ड देश का नम्बर एक राज्य है। यद्यपि सर्वाधिक 400 बाघों की संख्या के साथ कर्नाटक प्रथम स्थान पर है।
आंकडों के अनुसार, कार्बेट टाईगर रिजर्व में न्यूनतम 208 बाघ और राजाजी टाइगर रिजर्व में न्यूनतम 34 बाघों की पहचान की गई है, जबकि पिछले वर्षों में यह संख्या कार्बेट टाईगर रिजर्व में 163 एवं राजाजी टाईगर रिजर्व में 16 थी। कार्बेट टाइगर रिजर्व की सभी रेंजो में ग्रिड के आधार पर कैमरे लगाए गए थे। गणना कार्य में लगभग 535 कैमरे उपयोग में लाए गए। पहले चरण की गणना 28 नवंबर, 2016 से 21 जनवरी, 2017 तक कार्बेट टाइगर रिजर्व के रामनगर टाइगर रिजर्व प्रभाग में कैमरा ट्रैप विधि के माध्यम से की गई तथा दूसरे चरण में 25 जनवरी, 2017 से 19 मार्च, 2017 तक कालागढ़ टाइगर रिजर्व प्रभाग में कैमरे के माध्यम से की गई।
कार्बेट टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत रामनगर टाइगर रिजर्व प्रभाग में 99 बाघों व छह शावकों की पहचान की गयी तथा कालागढ़ टाइगर रिजर्व प्रभाग में 109 बाघों की पहचान की गयी। इस प्रकार कार्बेट टाइगर रिजर्व में कुल 208 बाघों व छह शावकों की पहचान की गयी है।
राजाजी टाइगर रिजर्व में भारतीय वन्यजीव संस्थान व विश्व प्रकृति निधि (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के सहयोग से वर्ष 2016-17 में की गयी गणना में रिजर्व के कोर क्षेत्र हेतु 562 कैमरे उपयोग में लाये गये। यह कार्य 28 जनवरी, 2017 से 03 जून, 2017 तक कोर क्षेत्र की 10 रेंजो में सम्पादित किया गया।