नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के अंतर्गत जल संसाधनों के प्रबंधन में विकास के बारे में दूसरी बैठक 08 मई 2017 को नई दिल्ली में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता सचिव (डब्ल्यू आर, आरडी और जीआर) डा. अमरजीत सिंह ने की। उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व राज्य सरकार में विशेष सचिव (सिंचाई) श्री सी पी त्रिपाठी ने किया जबकि उत्तराखंड सरकार का प्रतिनिधित्व राज्य सरकार में प्रधान सचिव (सिंचाई) श्री आनंद बर्धन ने किया। केन्द्र सरकार की ओर से बैठक में भाग लेने वाले अन्य प्रतिभागियों में केन्द्रीय जल आयोग के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र कुमार, केन्द्रीय जल आयोग के सदस्य श्री एस. मसूद हुसैन (डब्ल्यूपी एंड पी), जल संसाधन, नदी विकास और गंगा जीर्णोद्धार मंत्रालय के संयुक्त सचिव, श्री संजय कुंडु, और गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (सीएस) शामिल थे।
बैठक में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के प्रतिनिधियों ने जल संसाधन परिसंपत्तियों और ढांचे के वितरण के बारे में बताया कि उत्तर प्रदेश द्वारा 37 नहरें (28 हरिद्वार जिले में और 9 उधम सिंह नगर जिले में) उत्तराखंड को सौंपी जा चुकी हैं। उत्तराखंड सरकार के नियंत्रण में मुरादाबाद जिले में स्थित 8 नहरें राज्य सरकार द्वारा उत्तरप्रदेश सरकार को हस्तांतरित की जा चुकी हैं।
गंगा प्रबंधन बोर्ड के गठन के बारे में बैठक में हुई व्यापक सहमति के बाद तत्संबधी अधिसूचना का मसौदा दोनों राज्यों को पहले ही भेजा जा चुका है। इस बारे में बैठक में व्यापक विचार-विमर्श किया गया और दोनों राज्यों से कहा गया कि वे अपनी औपचारिक प्रतिक्रियाएं भेजें ताकि बोर्ड का शीघ्र गठन किया जा सके।
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