लखनऊ: प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना ने कहा है कि निवेश प्रस्तावों को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए एक प्रभावी कार्य योजना बनाई जाय और उसका नियमित रूप से अनुश्रवण भी सुनिश्चित किया जाय।
श्री महाना आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में इन्वेस्टर्स समिट में आये प्रस्तावों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 4.68 लाख करोड़ रुपये के अब तक 1074 एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित हो चुके हैं। अभी भी निवेशक प्रदेश में उद्यम स्थापना के लिए एम0ओ0यू0 करने के उत्सुक हैं। उन्होंने विगत 21 एवं 22 फरवरी को सम्पन्न इन्वेस्टर्स समिट के दौरान आये निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश के सभी औद्योगिक प्राधिकरणों में उपयुक्त मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आई0आई0एम0 नोयडा से स्टडी कराकर रिपोर्ट 15 दिन के अन्दर उन्हें प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए हैं।
औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि औद्योगिक प्राधिकरणों की जिम्मेदारी होगी कि जितने भी समझौता सहमति पत्र हस्ताक्षित हुए है, उनकों धरातल पर उतारा जाय। उन्होंने कहा कि प्राप्त प्रस्तावों पर गहन अध्ययन कर लिया जाय। इनका प्रस्तुतीकरण मार्च के दूसरे सप्ताह में मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के समक्ष किया जायेगा। निवेश प्रस्तावों के प्रति मुख्यमंत्री जी काफी गम्भीर हैं। इन प्रस्तावों को जमीनी रुप देने के लिए मेहनत की जरूरत है। अधिकारियों को पूरी दिलचस्पी लेकर काम करना होगा।
श्री महाना ने कहा कि उद्योगपतियों द्वारा दिये गये प्रस्तावों का निरंतर अनुश्रवण सुनिश्चित किये जाये। इसमें उद्योगपतियों ने जहां उद्यम स्थापना के प्रति रुचि दिखाई है, वहां उनको सभी आवश्यक सुविधाएं प्राथमिकता से उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाय। विभिन्न स्वीकृतियाँ, भवन निर्माण हेतु नक्शा पास कराना, विद्युत व्यवस्था, ड्रेनेज तथा सड़क निर्माण जैसे अवस्थापना सुविधाओं को समयबद्ध पूरा करना सुनिश्चित किया जाय।
औद्योगिक विकास मंत्री ने एम0ओ0यू0 को ट्रैक करने के लिए इन्टर सिस्टम डवलेपमेंट पर बल दिया। उन्होंने कहा कि एम0ओ0यू0 के क्रियान्वयन के लिए उद्योग बंधु को अधिकृत किया गया है। उद्यमी आवश्यकता पड़ने पर उद्योग बंधु के अधिकारियों से विचार विमर्श स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि निवेशक अपनी इकाई स्थापना के लिए कम्पनी की प्रोफाइल और प्रोजेक्ट प्रोफाइल यथाशीघ्र संबंधित विभाग को उपलब्ध करा दें, ताकि भूमि आवंटन और अन्य क्लीयरेंस में किसी भी प्रकार का विलम्ब न हो।
अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास श्री आलोक सिन्हा ने बैठक में आश्वस्त किया कि निवेशकों के प्रस्तावों का गम्भीरता से परीक्षण किया जा रहा है और प्रदेश के सभी जिलों में उद्यम स्थापना के लिए उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट में दिये गये आश्वासनों को हर हाल में पूरा करने के लिए विभाग कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा।
बैठक में सचिव औद्योगिक विकास श्रीमती अलकनंदा दयाल, ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री देवाशीष पण्डा, राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक एवं आयुक्त एवं निदेशक श्री रणवीर प्रसाद, विशेष सचिव श्री आलोक पाण्डेय सहित विभिन्न विकास प्राधिकरणों तथा औद्योगिक विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।