लखनऊ: प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डाक्टर दिनेश शर्मा से आज उनके कार्यालय कक्ष में अमेरिकी डेलीगेट (श्री राॅविन बंसल, यू एस एम्बेसी पालिटिकल आफिसर, जेक माइनर एवं नैथेनाल फेरर वार्मेले) ने शिष्टाचार भेंट की, अमेरिकी डेलीगेट ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विगत दिनों हुए इन्वेस्टर्स समिट की प्रसंशा करते हुए कहा कि आज उत्तर प्रदेश में निवेश का अच्छा वातावरण तैयार हुआ है, और कहा कि प्रदेश में विदेशी निवेश से जहां एक तरफ औद्योगिक विकास होगा वहीं नवीन तकनीकी का भी आदान प्रदान होगा। डेलीगेट ने भारत और अमेरिका के प्रगाढ़ संबंधों पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि दोनों देशों को औद्योगिक विकास एवं समृद्धि , स्वास्थ्य, शिक्षा तथा तकनीकी के क्षेत्र में अपने ज्ञान का आदान प्रदान करके एक दूसरे के विकास में अपना योगदान देना समय की मांग है।
अमेरिका के डेलीगेट ने इस अवसर पर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में हो रहे गुणात्मक परिवर्तन पर भी प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि काफी संख्या में भारतीय मूल के लोग अमेरिका में निवास करते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दे रहे हैं, और भारतीय मूल के लोगों का आज भी भारत से प्रगाढ़ संबंध है, डेलीगेट ने नॉलेज एक्सचेंज कार्यक्रम चलाए जाने पर भी जोर दिया, और यह जानकारी दी कि पिछले वर्ष भारत से लगभग 1 लाख 86 हजार भारतीय छात्र-छात्राएं अमेरिका में शिक्षा ग्रहण करने के उद्देश्य से गए, और भारत में शिक्षा के क्षेत्र में हुए गुणात्मक परिवर्तन के कारण लगभग 6000 अमेरिकी छात्र-छात्राएं भारत में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आए, जो यह दर्शाता है की विदेशी लोगों का भी भारतीय शिक्षा व्यवस्था में आकर्षण बढ़ रहा है।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा पहले ही उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विदेशी भाषाओं को पढ़ाने के लिए अलग से पाठ्यक्रम को शामिल किया गया है और सरकार माध्यमिक शिक्षा में भी विदेशी भाषाओं को अलग पाठ्यक्रम के रूप में शामिल किए जाने पर विचार कर रही है। उल्लेखनीय है कि आगामी 6 जून को अमेरिकी राजदूत उत्तर प्रदेश के माननीय राज्यपाल और मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी से मुलकात करने आएंगे , इस अवसर पर डेलीगेट ने उप मुख्यमंत्री डाक्टर दिनेश शर्मा से भी 6 जून को अमेरिकी राजदूत से मुलाकात की इच्छा जताई जिस डाक्टर शर्मा ने सहमति दी।
डाक्टर शर्मा ने डेलीगेट से मुलाकात के दौरान कहा कि प्रदेश में शिक्षा, आई. टी. एवं इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों जैसे-टेक्सटाइल्स, स्वास्थ्य एवं विनिर्माण आदि क्षेत्रों के विकास में अमेरिका के सहयोग को और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।