नई दिल्ली: केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने आज नई दिल्ली में पीएमकेएसवाई परियोजना की निगरानी के लिए एमआईएस लांच किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एमआईएस से पीएमकेएसवाई परियोजनाओं की शीघ्र निगरानी हो सकेगी। विभिन्न पीएमकेएसवाई परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर संतोष व्यक्त करते हुए सुश्री उमा भारती ने कहा कि 5.22 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमताकी 21 परियोजनाएं इस वर्ष जून तक पूरी हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि अन्य 33 परियोजनाएं 2017-18 (12.95 लाख हेक्टेयर संभावित उपयोग) तक पूरी होंगी और शेष चिन्हित 45 परियोजनाएं मार्च, 2019 तक (48.54 लाख हेक्टेयर संभावित उपयोग) पूरी होंगी।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र की गोसीखुर्द जैसी अनेक परियोजनाओं के मामले में गतिरोध बना हुआ था और अब इसे ठीक कर दिया गया है, ताकि मार्च 2019 के लक्ष्य को पूरा किया जा सके। इस परियोजना से 2.50 लाख हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता का सृजन होगा। इसी तरह पोलावरम परियोजना को फास्ट ट्रैक दिया गया है। इसके पूरा होने से 2.9 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता की प्राप्ति होगी। सुश्री भारती ने कहा कि महाराष्ट्र जैसे अनेक राज्यों ने, नये-नये कदम उठाए हैं, इन कदमों मे इन परियोजना के समय पर पूरा करने के लिए भूमि अधिग्रण की कठिनाई दूर करने के लिए भूमिगत दबाव वाली पाइप लाइनें बिछाने का काम शामिल है।
नई एमआईएस के अंतर्गत परियोजना की भौतिक और वित्तीय प्रगति की जानकारी के लिए परियोजनावार नोडल अधिकारी नामित किये गये हैं। एमआईएस को पब्लिक डोमेन में रखा गया है। एमआईएस में परियोजनावार।/प्राथमिकता अनुसार/राज्यवार भौतिक/वित्तीय ब्योरे/टेबल/ग्राफ रूप में उपलब्ध हैं। इसमें तिमाही तौर पर परियोजना की प्रगति की तुलना की जा सकती है और परियोजना को प्रभावित करने वाली बाधाओं का विस्तृत वर्णन भी है।
जल संसाधन, नदी विकास औरगंगा संरक्षण मंत्रालय ने पीएमकेएसवाई के अंतर्गत 99 प्राथमिकता वाली अधूरी बड़ी और मझौले स्तर की सिंचाई परियोजनाओं के पूरा करने का कार्य लिया है। इन 99 चिन्हित परियोजनाओं को पूरा करनेके लिए 77595 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि लगेगी। इसमें परियोजना कार्यों के लिए 48546 करोड़ रुपये और कमान क्षेत्र विकास कार्यों के लिए 29049 करोड़ रुपये शामिल हैं। 31342 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता अनुमानित है। इन परियोजनाओं से 76.03 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का संभावितउपयोगहोगा।
2016-17 के दौरान एआईबीपी के अंतर्गत परियोजनाओं के लिए 3308 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता जारी की गई और सीएडी तथा डब्ल्यूएम के अंतर्गत आने वाली परियोजनाओं के लिए 854 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता जारी की गई। 6 राज्यों के लिए नाबार्ड के जरिए राज्य हिस्से के रूप में 3334 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। इसके अतिरिक्त आंध्र प्रदेश की पोलावरम परियोजना के लिए 2514 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।