देहरादून: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सपने हर घर को विद्युतीकृत करने की योजना(सौभाग्य) के विषय में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने सचिवालय में उर्जा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका झा ने बताया कि ऊर्जा विभाग द्वारा ’सौभाग्य’ योजना को प्रदेश में 11 अक्टूबर, 2017 को प्रारम्भ किया गया था। उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन द्वारा प्रदेश में इस योजना के तहत अविद्युतीकृत घरों को चिन्ह्ति कर उन्हें विद्युत संयोजन देने की कार्यवाही युद्धस्तर पर की जा रही है। उत्तराखण्ड में वर्ष 2001 एवं 2011 की जनगणना के अनुसार तथा क्षेत्रीय कार्मिकों द्वारा सर्वे कराकर अविद्युतीकृत घरों की संख्या निर्धारित की गई है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में 291586(ग्रिड के माध्यम से) शहरी क्षेत्र में 10312 तथा सौर ऊर्जा के माध्यम से(ग्रामीण क्षेत्र जहां ग्रिड से विद्युतीकरण सम्भव नही) 15697 को विद्युतीकृत किया जाना है। उन्होंने बताया कि सौभाग्य योजना के अन्तर्गत स्वीकृत डीपीआर का भारत सरकार द्वारा अनुदान 85 प्रतिशत, उपाकालि एवं राज्य सरकार का 05 प्रतिशत तथा 10 प्रतिशत धनराशि ऋण के रूप में प्राप्त की जायेगी। उन्होंने बताया कि यदि योजना निर्धारित समयावधि में पूर्ण की जाती है, तो भारत सरकार द्वारा अनुदान की धनराशि 05 प्रतिशत बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दी जायेगी। उत्तराखण्ड के ऊर्जा विभाग द्वारा इस योजना को पूर्ण करने की समयावधि 31 दिसम्बर, 2018 निर्धारित की गई है।
बैठक में ऊर्जा विभाग द्वारा सौभाग्य योजना से संबंधित 172 करोड रूपये की डीपीआर प्रस्तुत की गई। जिसका अनुमोदन कर डीपीआर भारत सरकार को प्रेषित कर दी गयी।
बैठक में प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव श्री अमित सिंह नेगी, श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, प्रबंधन निदेशक उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन श्री बी.के.मिश्रा, निदेशक(परिचालन) श्री अतुल कुमार अग्रवाल, निदेशक(परियोजना) श्री एम.के.जैन, निदेशक वित्त श्री एल.एम.वर्मा उपस्थित थे।