लखनऊ: उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम लि0 लखनऊ में कार्यरत कार्मियों की सेवा निवृत्ति हेतु अधिवर्षता आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष किये जाने के सम्बन्ध में निगम के कार्मिक श्री चन्द्रपाल द्वारा मा0 उच्च न्यायालय, इलाहाबाद, लखनऊ बेंच, लखनऊ में दायर रिट याचिका संख्या-24968 (एस0एस0)/2016, रिट याचिका संख्या-27571/2016 तथा रिट याचिका संख्या-26429/2016 में मा0 उच्च न्यायालय, इलाहाबाद, लखनऊ बेंच, लखनऊ द्वारा पारित अंतिम आदेश दिनांक 12 मई, 2017 द्वारा उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम लि0 के निदेशक मण्डल द्वारा पारित प्रस्ताव की तिथि अर्थात दिनांक 28 मार्च, 2012 से निगम के कार्मिकों की सेवानिवृत्ति हेतु अधिवर्षता आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष किये जाने के आदेश पारित किये गये हैं।
सार्वजनिक उपक्रमों/निगमों के कार्मिकों की सेवानिवृत्ति हेतु अधिवर्षता आयु बढ़ाये जाने के सम्बन्ध में सार्वजनिक उद्यम अनुभाग-1 के शासनादेश संख्या-1601/44-1-2011-90/2008, दिनांक 20 दिसम्बर, 2011 द्वारा व्यवस्था निर्धारित की गयी है। तद्नुसार उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम लि0 लखनऊ के कार्मिकों की अधिवर्षता आयु बढ़ाये जाने के फलस्वरूप आने वाले अतिरिक्त वित्तीय व्ययभार का वहन निगम अपने संसाधनों से करेगा। इस हेतु राज्य सरकार द्वारा कोई अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की जाएगी।
चूंकि प्रश्नगत प्रकरण में मा0 न्यायालय द्वारा पूर्वगामी तिथि से व्यवस्था प्रतिपादित करने के आदेश दिये गये हैं, अतः उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम लि0 लखनऊ में कार्यरत नियमित पूर्णकालिक कार्मिकों की दिनांक 28 मार्च, 2012 से सेवानिवृत्ति हेतु अधिवर्षता आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष किये जाने का फैसला हुआ है।