लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने रबी विपणन वर्ष 2018-19 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत 50 लाख मीट्रिक टन गेहँू खरीद का कार्यकारी लक्ष्य विभिन्न क्रय संस्थाओं के माध्यम से करने हेतु निर्देशित किया है।
इसके अन्तर्गत खाद्य विभाग की विपणन शाखा को 850 क्रय केन्द्रों के माध्यम से 11 लाख मी0टन, उ0प्र0 कर्मचारी कल्याण निगम को 200 क्रय केन्द्रों के माध्यम से 2 लाख मी0टन, उ0प्र0 राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम (एस0एफ0सी0) को 60 क्रय केन्द्रों के माध्यम से 1 लाख, उत्तर प्रदेश सहकारी संघ (पी0सी0एफ0) को 3500 क्रय केन्द्रों के माध्यम से 21 लाख मी0टन, उत्तर प्रदेश को-आपरेटिव यूनियन (यू0पी0सी0यू) को 500 क्रय केन्द्रों के माध्यम से 5 लाख मी0टन, उ0प्र0 राज्य कृषि एवं औद्योगिक निगम (यू0पी0एग्रो) को100 क्रय केन्द्रों के माध्यम से 2 लाख मी0टन, भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित (एन0सी0सी0एफ0) को 80 क्रय केन्द्रों के माध्यम से 1.50 लाख नेशनल एग्रीकल्चरल को-आपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन आॅफ इण्डिया लि0 (नैफेड) को, 60 क्रय केन्द्रों के माध्यम से 1.50 लाख तथा भारतीय खाद्य निगम को 150 क्रय केन्द्रों के माध्यम से 5 लाख मी0टन खरीद का लक्ष्य प्रस्तावित है।
गेहूँ खरीद के सम्बन्ध में जारी नीति में क्रय केन्द्रों की स्थापना एवं उनके संचालन के विषय में व्यवस्था दी गयी है कि मण्डी यार्ड व उप मण्डी यार्ड में सार्वजनिक स्थल तथा मुख्य सड़क मार्ग पर गेहूँ केन्द्र स्थापित करने को वरीयता दी जाएगी। किसानों की सुविधा के दृष्टिगत स्थायी गेहूँ क्रय केन्द्र बनाये जाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा महिलाओं को प्रोत्साहन देने के लिए यदि जमीन के प्रपत्र महिला के नाम हैं और महिला किसान केन्द्र पर गेहूँ बेचने आती है, तो उसको वरीयता देते हुए बगैर नम्बर के भी उसका गेहूँ खरीदा जायेगा। क्रय केन्द्रों का निर्धारण एवं चयन इस प्रकार किया जाएगा कि किसी भी किसान को अपना गेहूँ बेचने के लिए 08 कि0मी0 से अधिक दूरी न तय करनी पड़ी।