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एक लड़की का मायका होता है, ससुराल होता है पर घर कहां होता है?: ‘भूमि’ मूवी रिव्यू

मनोरंजन

मुंबई: डायरेक्टर उमंग कुमार के निर्देशन में बनी फिल्म ‘भूमि’ 22 सितम्बर को रिलीज हो गई. इस फिल्म के जरिए संजय दत्त ने कमबैक किया है।

कहानी– फिल्म की कहानी उत्तर प्रदेश के आगरा की है जहां अरुण सचदेव (संजय दत्त) एक जूते की दुकान के मालिक है वो अपनी बेटी भूमि (अदिति राव हैदरी) के साथ रहते हैं. भूमि, नीरज (सिद्धांत गुप्ता) से प्यार करती है और जल्द ही दोनों की शादी होने वाली होती है, लेकिन बगल का रहने वाला एक लड़का विशाल, भूमि से एकतरफा प्यार करता है, जो उसे हर हाल में पाना चाहता है भूमि के ना कहने बाद वो अपने दबंग चचेरे भाई धौली (शरद केलकर) के साथ मिलकर भूमि को शादी से ठीक एक रात पहले अगवा करके उसके साथ रेप करता है और उसकी हत्या करने की कोशिश करता है अपनी बेटी भूमि को न्याय दिलाने के लिए अरुण कोर्ट और कचहरी का चक्कर लगाता है लेकिन क्या एक बाप को अपनी बेटी के लिए इंसाफ मिल पायेगा और क्या नीरज ये सब कुछ जानने के बाद भी भूमि को अपनाएगा? ये सब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

डायरेक्शन- फिल्म में उमंग कुमार का डायरेक्शन काफी अच्छा है खासकर कैमरा वर्क लेकिन अगर फिल्म की बात करें तो कहानी घिसीपिटी हुई है, बॉलीवुड में पिछले कुछ महीनों में इस तरह की ढ़ेरों फ़िल्में आ चुकी हैं जिससे कहानी को आसानी से बताया जा सकता है, फिल्म में कहीं सरप्राइज एलिमेंट नहीं है जो कि इसे बोरिंग बनाता है।

एक्टिंग- फिल्म में संजय दत्त एक पिता की भूमिका में बिल्कुल फिट दिखे, एक्टिंग भी काफी उम्दा रही फिल्म के कुछ-कुछ डायलॉग्स आपकी आंखें नम कर सकती है लेकिन फिल्म की कहानी घिसीपिटी होने के कारण वो भी फिल्म को ढोते हुए नजर आए, वहीं अदिती को अपनी एक्टिंग और इम्प्रूव करने की जरूरत है एक बार फिर शरद केलकर ने ये साबित कर दिया कि वो किसी से कम नहीं शुरू से अंत तक एक दबंग की भूमिका में वो पूरी तरह फिल्म में छाए रहे।

देखें या नहीं– अगर आप संजय दत्त के जबरा फैन हैं तो आप एक बार इस फिल्म को जरुर देख सकते हैं।

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