नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने देश को सुरक्षित स्थान बनाने और वैश्विक आतंकवाद के हमलों से भारत की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज यहां एनआईए के नए मुख्यालय कार्यालय परिसर का उद्घाटन करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एनआईए आतंकवाद से उत्पन्न खतरे पर अंकुश लगाने के कार्य में लगा हुआ है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि एनआईए ने हाल ही में पड़ोसी देश और विदेश में तीसरे देशों में मौजूद उनके साथियों द्वारा कश्मीर घाटी में आतंकवादियों को सहायता पहुंचाने के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। गृह मंत्री ने आतंकवादियों का बड़ी संख्या में सफाया करने के लिए एनआईए, अन्य सुरक्षा एजेंसियों, सेना, सीएपीएफ तथा राज्य पुलिस बल के एटीएस के सम्मिलित प्रयासों की सराहना की।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा सरकार ने जांच में एनआईए को पूर्ण स्वायत्ता देने के लिए कदम उठाए हैं। इससे पहले एनआईए ने कार्रवाई के लिए आगे बढ़ने के लिए गृह मंत्रालय की अनुमति मांगी थी लेकिन मैंने निर्देश दिया कि गृह मंत्रालय की मंजूरी की कोई आवश्यकता नहीं है और एनआईए स्वतंत्र होकर अलग से कार्रवाई कर सकता है। उन्होंने कहा कि यहां तक की एनआईए के अगले महानिदेशक की नियुक्ति करीब दो महीने पहले कर दी गई है। इससे सरलता से कार्य हो सकेगा।
आतंकवाद को सभ्य समाज के लिए अभिशाप और दुनिया भर के लोकतंत्र में विकास के प्रयासों में बाधा बताते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकबाद से मुकाबला करने के लिए विश्व समुदाय को जोड़ा है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अपने अस्तित्व में आने के बाद एनआईए ने अभी केवल 8 वर्ष पूरे किए हैं और उसने अधिकतर दु:साहसी आतंकवादी हमलों में से कुछ की निष्पक्ष, प्रामाणिक और पेशेवर जांच करके आम आदमी का विश्वास हासिल कर लिया है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एनआईए की जांच के परिणामों की दोष सिद्धि दर 95 प्रतिशत है। मुझे विश्वास है कि एनआईए अपनी प्रामाणिकता और पेशेवराना अंदाज बनाए रखेगा।
इस अवसर पर एनआईए के महानिदेशक श्री शरद कुमार ने कहा कि एनआईए जल्द ही गुवाहाटी में दिसम्बर, 2017 और हैदराबाद में जून 2018 में अपनी नई क्षेत्रीय कार्यालय इमारत का उद्घाटन करेगा।
उद्घाटन समारोह में गृह राज्य मंत्री श्री हंसराज गंगाराम अहीर और श्री किरेन रिजिजू, सीएपीएफ के प्रमुख और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।