नई दिल्ली: विद्युत, कोयला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और खान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल ने आज राज्य सभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया कि एनपीसी द्वारा अपनी दो निर्माणाधीन पनबिजली परियोजनाओं अर्थात पार्बती-II पनबिजली परियोजना (800 मेगावाट) और किशनगंगा पनबिजली परियोजना (330 मेगावाट) से 4458.69 मिलियन यूनिट (एमयू) अतिरिक्त बिजली (डिजाइन ऊर्जा पर आधारित) का उत्पादन किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश स्थित पार्बती-II पनबिजली परियोजना अक्टूबर, 2018 में चालू होगी, जबकि जम्मू-कश्मीर स्थित किशनगंगा पनबिजली परियोजना को जनवरी,2018 में चालू किया जाएगा।
देश में पनबिजली परियोजनाओं की प्रगति की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए श्री गोयल ने कहा कि वर्तमान समय में देश भर में कुल मिलाकर 11792.5 मेगावाट की 41 पनबिजली परियोजनाएं (25 मेगावाट से ज्यादा) निर्माणाधीन हैं। मंत्री महोदय ने कहा कि उपर्युक्त सभी परियोजनाएं तय समय से पीछे चल रही हैं, जिसके कई कारण हैं। प्राकृतिक आपदाएं, भौगोलिक कारक, वन मंजूरी एवं भूमि अधिग्रहण में देरी और कानून एवं व्यवस्था की समस्याएं इन कारणों में शामिल हैं।
श्री गोयल ने सदन को बताया कि लंबित परियोजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन के लिए सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं, जो निम्नलिखित हैं:
- केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 73 (एफ) को ध्यान में रखते हुए निर्माणाधीन पनबिजली परियोजनाओं (25 मेगावाट से ज्यादा) पर करीबी नजर रखी जा रही है। परियोजना स्थल का मुआयना करके और डेवलपरों तथा अन्य हितधारकों के साथ बातचीत करके हर परियोजना की प्रगति पर निरंतर नजर रखी जाती है।
- विद्युत मंत्रालय द्वारा गठित विद्युत परियोजना निगरानी पैनल (पीपीएमपी) भी स्वतंत्र रूप से पनबिजली परियोजनाओं की प्रगति पर करीबी नजर रखता है।
- विद्युत मंत्रालय भी सीईए के संबंधित अधिकारियों, उपकरण निर्माताओं, राज्यों के उपक्रमों/सीपीएसयू/परियोजना डेवलपरों इत्यादि के साथ मौजूदा पनबिजली परियोजनाओं की प्रगति की संख्या नियमित रूप से करता है।