नई दिल्लीः आपदा की स्थिति में हरियाणा सरकार की तैयारी और अनुक्रिया व्यवस्था की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने आज हरियाणा में राज्य स्तरीय भूकंप का छद्म अभ्यास किया। यह अभ्यास हरियाणा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण(एनडीएमए) के सहयोग से किया गया।
इस अभ्यास में रेक्टर पैमाने पर 6.8 का भूकंप दिखाया गया जिसका केंद्र जयपुर रिज और सोहना फॉल्ट लाइन के पास गुरूग्राम के पश्चिम में था।
भूकंपीय प्रभाव का यह अभ्यास राज्य के सभी 22 जिलों में अस्पतालों, शॉपिंग माल, स्कूलों, ऊंची रिहायशी इमारतों और प्रमुख खतरनाक इकाइयों सहित 122 चुनिंदा स्थानों पर चलाया गया ताकि भूकंप आपदा की स्थिति में संसाधनों को जुटाने की प्रशासनिक क्षमता में सुधार किया जा सके और शीघ्रता के साथ लोगों तक पहुंचा जा सके।
राज्यव्यापी छद्म अभ्यास की शुरुआत भूकंप की सूचना देने के लिए सायरन बजा कर की गई। सभी लोगों ने सचेत होकर मेजों के नीचे अपने आप को छुपा लिया। भूकंप रूकने की स्थिति में निकासी का अभ्यास किया गया और इसके फौरन बाद राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एईओसी) को सक्रिय किया गया।
जिला स्तर पर भी साथ-साथ आपातकालीन संचालन केंद्र सक्रिय किए गए ताकि नुकसान का जायजा लिया जा सके और घटना कमांडरों के अंतर्गत बचाव दल गठित करके संबंधित स्थानों पर पहुंचाया जा सके। ट्रैफिक, अग्निशमन विभाग, एंबुलेंस, पुलिस, सिविल डिफेंस जैसी विभिन्न एजेंसियों के साथ तालमेल करके बचाव अभ्यास चलाए गए। मलबों के नीचे दबे लोगों को बचाया गया और उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए अस्पतालों में भेजा गया।
अभ्यास के बाद एनडीएमए द्वारा अभ्यास का विश्लेषण किया गया जिसमें सभी संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया। सेना के स्वतंत्र पर्यवेक्षकों ने अपना फीडबैक दिया और अनुक्रिया व्यवस्था को और अधिक चुस्त बनाने के उपाय सुझाए।
आज के अभ्यास से पहले 6 दिसंबर, 2017 को ओरियेंटेशन सम्मेलन आयोजित किया गया था और उसके बाद 19 दिसंबर, 2017 को समन्वय सम्मेलन आयोजित हुआ। कल राज्य की राजधानी से सभी जिलों के साथ रेडियों कांफ्रेंसिंग किया गया। यह तैयारी बैठकें सुगम अभ्यास को सुनिश्चित करने के लिए की गईं।
हरियाणा भूकंपीय क्षेत्र IV, III तथा II में आता है। पर्वतीय राज्यों से निकटता के कारण हिमालय क्षेत्र में भूकंप आने से राज्य में भी कंपन महसूस किया जाता है। राज्य में हाल के दिनों में बड़े पैमाने पर औद्योगिक-आवासीय शहरीकरण हुआ है। भूकंप जानमाल और संरचना को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। यह छद्म अभ्यास आपदा की स्थिति में बेहतर अनुक्रिया सुनिश्चित करेगा ताकि जानमाल का नुकसान कम हो।