नई दिल्ली: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) कल से हैदराबाद में लू से बचाव के सर्वोत्तम तरीकों पर एक दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। कार्यशाला का आयोजन डॉ. एमसीआर-एचआरडी इंस्टीट्यूट हैदराबाद में तेलंगाना सरकार के सहयोग से किया जाएगा।
भारत में आमतौर पर मार्च से जून के दौरान लू चलती है और कुछ मामलों में तो यह जुलाई तक जारी रहती हैं। जिसके परिणामस्वरूप डिहाईड्रेशन, लू लगना, थकान और यहां तक की घातक हीट स्ट्रोक भी हो सकता है। हाल में ही 2015 के दौरान देश में लू लगने के कारण दो हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
देश में लू की तीव्रता को देखते हुए एनडीएमए ने इसकी रोकथाम और प्रबंधन करने के लिए पिछले साल एक कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए थे। 2016 में लू से होने वाली मौतों के आंकड़ों में गिरावट आई थी।
इस पृष्ठभूमि में इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य लू से बचने के लिए राज्यों को जागरूक करना और इससे बचाव के तरीकों को लागू करना है। कुछ राज्यों ने लू से बचाव के तरीकों को लागू करने के लिए शानदार काम किया है और अपने अनुभवों और योजनाओं को दूसरों के साथ साझा कर एक सराहनीय कार्य किया है।
इस का उद्देश्य आबादी वाले स्थानों में जहां लू के कारण होने वाली बीमारियों का खतरा अधिक रहता है वहां लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना और समुदाय क्षमता निर्माण का अवसर प्रदान करना है। इस कार्यशाला में इस साल देश में लू के प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन पर भी चर्चा की जाएगी।
इस कार्यशाला में पहले दिन तीन तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएगे- जिनमें लू से संबंधित कार्य योजना और जोखिम न्यूनीकरण, लू से प्रभावित राज्यों के साथ अनुभव साझा करने और इससे निपटने के उपायों तथा लू के बारे में पूर्वानुमान आदि शामिल है।
कार्यशाला में लू से संबंधित विशेषज्ञ और अन्य हितधारक भाग लेंगे, जिसमें मौसम विभाग की एजेंसियां, राज्य सरकार और अनुसंधान संस्थानों के विशेषज्ञों तथा एनडीएमए के वरिष्ठ अधिकारी भी भाग लेंगे।
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