नई दिल्ली: ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मंत्रालय के बजट में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और इसके साथ ही इसकी सभी प्रमुख योजनाओं के आवंटन में अच्छी-खासी वृद्धि हुई है। मंत्री महोदय ने यहां मीडिया को यह जानकारी दी कि वर्ष 2012-13 में मंत्रालय का बजट 50,161 करोड़ रुपये (जीडीपी का 0.50 प्रतिशत) था, लेकिन वर्ष 2016-17 में बजट बढ़ाकर 95,096 करोड़ रुपये कर दिया गया है जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.63 प्रतिशत है। प्रमुख योजना ‘मनरेगा’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस ग्रामीण रोजगार योजना का बजट वर्ष 2011-12 के लगभग 37,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर वर्ष 2016-17 में लगभग 58,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के तहत मनरेगा का पुनर्गठन किए जाने के परिणामस्वरूप चालू वित्त वर्ष में 235 करोड़ श्रम दिवस सृजित हुए हैं, जो पिछले पांच वर्षों में सर्वाधिक है। इसके अलावा, इस योजना के तहत लगभग 2 करोड़ परिसंपत्तियां सृजित हुई हैं, जो सार्वजनिक तौर पर सुलभ हैं। एक प्रश्न के जवाब में मंत्री महोदय ने कहा कि 85 फीसदी भुगतान 15 दिनों के अंदर किए जा रहे हैं और 96 फीसदी कामगारों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के जरिये पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है।
श्री तोमर ने यह भी जानकारी दी कि पिछले तीन वर्षों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत कवरेज 64 फीसदी से बढ़कर 81 फीसदी हो गई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह योजना वर्ष 2019 तक 100 फीसदी ग्रामीण सड़क कनेक्टिविटी के साथ पूरी हो जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि मंत्रालय मार्च 2018 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 51 लाख मकानों का निर्माण कार्य पूरा कर लेगा।
श्री तोमर ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों और भारत सरकार के सभी संबंधित मंत्रालयों के साथ साझेदारी में 1 अक्टूबर से लेकर 15 अक्टूबर 2017 तक देश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम समृद्धि एवं स्वच्छता पखवाड़ा आयोजित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य व्यापक सार्वजनिक सूचना अभियान के जरिये पारदर्शिता को और आगे ले जाना है। मंत्री महोदय ने कहा कि गांवों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के अलावा आर्थिक गतिविधियों और विकास के मसलों पर सामुदायिक वार्तालाप सुनिश्चित करना है। यह अभी तक इस दिशा में हुई प्रगति का क्षेत्र आधारित सत्यापन प्रदान करता है और महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के जरिये सामाजिक अंकेक्षण को मजबूत करने के लिए आवश्यक प्रणालियां प्रदान करता है।
पखवाड़े भर चलने वाले इस कार्यक्रम के दौरान सभी वयस्कों विशेषकर महिलाओं एवं युवाओं की सक्रिय भागीदारी के साथ देश की सभी ग्राम पंचायतों में 2 अक्टूबर,2017 को गांधी जयंती पर ग्राम सभाएं आयोजित की जाएंगी। समुदाय के स्तर पर विशेष गतिविधियां सुनिश्चित करने और सार्वजनिक सूचना के लिए ठोस प्रयास किए गए हैं।