नई दिल्लीः भारत में साइबर सुरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता महसूस करते हुए तथा माननीय प्रधानमंत्री जी के ‘डिजिटल इंडिया’ के विजन के अनुरूप, इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने आज दिल्ली में एक समारोह में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिविजन (एनईजीडी) एवं उद्योग जगत के सहयोग से साइबर सुरक्षित भारत पहल की घोषणा की। इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिक राज्य मंत्री तथा पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री के.जे. अल्फोंस ने इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय में सचिव श्री अजय प्रकाश साहनी, विधि एवं न्याय मंत्रालय में सचिव श्री सुरेश चंद्रा, डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एवं सीईओ श्री संजीव गुप्ता, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के अध्यक्ष श्री अनंत महेश्वरी, नास्कॉम की नामित अध्यक्ष सुश्री देबजानी घोष, इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के समूह समन्वयक (साइबर सुरक्षा), विप्रो के इंडिया प्रैक्टिस हेड (सीआरएस) श्री जयेश वारियर एवं डाइमेंशन डाटा, इंडिया के विक्रय निदेशक श्री रघुवीर एचआर की उपस्थिति में इस पहल का उद्घाटन किया।
सभी सरकारी विभागों में मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों (सीआईएसओ) एवं अग्रिम पंक्ति के आईटी कर्मचारियों के लिए सुरक्षा उपायों हेतु क्षमता निर्माण करने एवं साइबर अपराध के बारे में जागरुकता फैलाने के मिशन की संकल्पना के साथ, साइबर सुरक्षित भारत का परिचालन जागरुकता, शिक्षा एवं सक्षमता के तीन सिद्धांतों पर किया जाएगा। इसमें साइबर सुरक्षा के महत्व पर एक जागरुकता कार्यक्रम, सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों पर कार्यक्रम की एक श्रृंखला तथा साइबर खतरों को प्रबंधित करने तथा इसमें कमी लाने के लिए साइबर सुरक्षा हेल्थ टूल किट्स के साथ अधिकारियों की सक्षमता शामिल है। साइबर सुरक्षित भारत अपनी तरह की पहली सार्वजनिक- निजी साझीदारी है और यह साइबर सुरक्षा में आईटी उद्योग की विशेषज्ञता का लाभ उठाएगा। इस सहायता संघ के संस्थापक साझीदारों में आईटी क्षेत्र की अग्रणी कंपनियां माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, विप्रो, रेडहैट एवं डाइमेंशन डाटा शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, नॉलेज साझीदारों में सर्ट-इन, एनआईसी, नॉस्कॉम एवं एफआईडीओ अलायंस तथा कंसल्टेंसी क्षेत्र की अग्रणी कंपनियां डेलॉयट एवं ईवाई शामिल हैं।
इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिक राज्य मंत्री तथा पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री के.जे. अल्फोंस ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ‘देश के साइबर स्पेस की सुरक्षा करना डिजिटल इंडिया के माननीय प्रधानमंत्री जी के विजन को अर्जित करने के लिए आम है। विकास का लाभ समाज के प्रत्येक व्यक्तियों तक पहुंचना चाहिए। डिजिटल इंडिया की वजह से अभिशासन प्रणाली में त्वरित रुपांतरण हुआ है। सुशासन सुनिश्चित करने के लिए निश्चित रूप से निजी क्षेत्र के कपंनियों को आगे आना होगा।’
श्री अल्फोंस ने कहा कि ‘आज भारत में 118 करोड़ से अधिक आधार खाते हैं जो लोगों को एक विशिष्ट पहचान उपलब्ध कराते हैं। हमने गरीबों तथा समाज के वंचित वर्ग के लोगों के लिए 30 करोड़ बैंक खाते खोले हैं और उन्हें आधार से जोड़े गए हैं। अभी तक सरकार आधार के साथ जुड़े जनधन खातों में 2.40 लाख करोड़ के बराबर की सब्सिडी अंतरित कर चुकी है, और इस प्रकार 60,000 करोड़ रुपये की बचत कर चुकी है जो पहले बिचौलियों की जेब में चले जाते थे। जैसे-जैसे हम उस आर्थिक प्रणाली की तरफ बढ़ रहे हैं हमें निश्चित रूप से यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे सिस्टम सुरक्षित रहे और हमारे डाटा की ठीक से हिफाजत हो। इस चिंता को ध्यान में रखते हुए सरकार ने साइबर सुरक्षित भारत लांच किया है जिसका मुख्य उद्देश्य हमारे डाटा को भलीभांति सुरक्षित रखना है। सरकार एवं उद्योग जगत की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं ने एकजुट होकर एक सुरक्षित साइबर स्पेस सुनिश्चित किया है।’
इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय में सचिव श्री अजय प्रकाश साहनी ने कहा कि ‘एक अरब से अधिक आधार कनेक्शनों तथा एक अरब से अधिक बैंक खातों के साथ एक अरब से अधिक मोबाइल फोनों के साथ हम निश्चित रूप से अरबों प्रकार के खतरों का सामना करने जा रहे हैं जो लगातार बढ़ ही रही हैं और अधिक से अधिक आधुनिक होती जा रही हैं। इन खतरों का मुकाबला करने का एक मात्र तरीका यही है कि हम एकजुट हों और यह अनूठी पहल ‘साइबर सुरक्षित भारत’ इसका एक विशिष्ट उदाहरण है। सीआईएसओ की भूमिका किसी भी संगठन में संभवत: चुनौतीपूर्ण हो सकती है।’
अपने उद्घाटन संबोधन में डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एवं सीईओ श्री संजीव गुप्ता ने सरकारी एवं निजी दोनों प्रकार के संस्थानों में सीआईओ एवं सीआईएसओ की भूमिका की पहचान करने के बढ़ते महत्व पर जोर दिया।
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के अध्यक्ष अनंत महेश्वरी ने इस पहल पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ‘साइबर सुरक्षित भारत एक महत्वपूर्ण पहल है। मैं सरकार और हमारे उद्योग के साझीदारों को इसे लांच करने के लिए एकजुट होने पर बधाई देता हूं।’
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