पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय ने 29 जून और 30 जून को मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत दो दिवसीय कलेक्टर सम्मेलन आयोजित किया। यह कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के स्वच्छता पाखवाड़ा समारोह का एक हिस्सा भी था जिसके अंतर्गत पखवाड़े की अवधि के लिए एलबीएसएनएए का नाम बदलकर स्वच्छ भारत अकादमी रख दिया गया है। कैबिनेट सचिव द्वारा एक वीडियो के माध्यम से दिए गए संबोधन के साथ यह सम्मेलन संपन्न हुआ।
अब जब ओडीएफ (खुले में शौचमुक्त) प्रोजेक्ट बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है, तो सरकार द्वारा ध्यान केंद्रित करने के लिए ओडीएफ सत्यापन और स्थिरता मुख्य क्षेत्रों के रूप में उभरे हैं। कलेक्टर सम्मेलन का आयोजन देश भर के सफल जिलों और राज्यों में ओडीएफ सत्यापन दिशा-निर्देशों, स्थिरता, सफल ओडीएफ मॉडलों और सर्वश्रेष्ठ प्रयासों पर विचार-विमर्श को लेकर आयोजित किया गया था।
इस सम्मेलन में स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य कर रहे 100 जिलों के कलेक्टर, 20 राज्य प्रतिनिधि, विकास साझेदार, क्षेत्रीय विशेषज्ञ, मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
पेयचल एवं स्वच्छता मंत्रालय के सचिव श्री परमेश्वरन अय्यर ने सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि व्यवहार में बदलाव और उपयोग इस स्वच्छ भारत मिशन का हृदय है। प्रधानमंत्री द्वारा निजी तौर पर स्वच्छता कार्यक्रम के प्रचार किए जाने से इसे जबरदस्त बढ़ावा मिला या यह प्रयास भारत में स्वच्छता में बड़ा बदलाव लाने वाला साबित हुआ। स्वच्छ भारत मिशन भारत में आज सच्चे लोगों का आंदोलन बन गया है।
सम्मेलन में प्रतिभागियों के बीच विभिन्न थीमों जैसे ओडीएफ प्रक्रिया, सत्यापन, स्थिरता, ठोस द्रव्य अपशिष्ट प्रबंधन, व्यवहारिक परिवर्तन संचार एवं स्वच्छ भारत मिशन से जुडे़ विभिन्न पहलुओं पर सामूहिक अभ्यास किया गया। एलबीएसएनएए के अधिकारी प्रशिक्षुओं, जिन्होंने गांवों को ओडीएफ बनाने की दिशा में कार्य किया है, ने अपने अनुभवों और सर्वोत्तम अभ्यासों को साझा किया। इस कार्यक्रम में स्वच्छ भारत पर हिस्सा ले रहे राज्यों द्वारा एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।