नई दिल्लीः विशाखापत्तनम में ‘बंदरगाह एवं तटीय बुनियादी ढांचे की क्षमता वृद्धि’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन संपन्न हुआ। इस दौरान विशेषकर सागरमाला परियोजना, बंदरगाह एवं तटीय बुनियादी ढांचा तथा नियामकीय मुद्दों, नीली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए तटीय क्षेत्रों में निवेश, शिपिंग परितंत्र विकसित करना-जहाज मरम्मत एवं ड्राई डॉक, अंतर्देशीय जलमार्गों एवं तटीय शिपिंग के लिए रूपात्मक बदलाव को उत्प्रेरित करने और भारत के नौवहन सहायता बुनियादी ढांचे- कंटेनरीकरण, बंकरिंग एवं ड्रेजिंग को मजबूत करने पर प्रकाश डाला गया। भारत सरकार एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) की तीसरी वार्षिक बैठक की मेजबानी 25 एवं 26 जून, 2018 को मुंबई में करेगी। इस क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन एआईआईबी की वार्षिक बैठक से पहले किया गया।
उपर्युक्त सम्मेलन में भागीदार संस्थानों, शैक्षणिक जगत और सिविल सोसायटी संगठनों के प्रतिनिधियों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने भाग लिया तथा व्यापक बुनियादी ढांचागत निवेश के जरिए टिकाऊ भविष्य सृजित करने के लिए पर्यावरणीय एवं सामाजिक दृष्टि से अनुकूल माने जाने वाले तरीकों से एशिया में बुनियादी ढांचागत कमी को दूर करने के उपायों पर अपने विचार व्यक्त किए।
बुनियादी ढांचागत सुविधाओं की खाई को पाटने में निजी क्षेत्र की अहम भूमिका को स्वीकार करते हुए इस बैठक के प्रतिभागियों ने बहुपक्षीय विकास बैंकों, सरकारों, निजी वित्त प्रदाताओं एवं अन्य हितधारकों के साथ साझेदारी में निजी पूंजी जुटाने में मददगार अभिनव सोल्यूशन्स विकसित करने पर विशेष जोर दिया। विचार-विमर्श के दौरान पैनल के सदस्यों ने यह राय भी व्यक्त की कि निजी निवेशकों, डोमेन विशेषज्ञों एवं नियामकीय निकायों सहित हितधारकों के साथ प्रभावकारी संवाद के जरिए वर्तमान नियामकीय व्यवस्थाओं पर फिर से गौर करने की जरूरत है। इस दौरान यह भी महसूस किया गया कि विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के दौरान पर्यावरणीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बुनियादी ढांचागत आवश्यकताओं और संचार संबंधी नेटवर्कों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
विशाखापत्तनम स्थित ड्रेजिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के सीएमडी श्री राजेश त्रिपाठी की अध्यक्षता में विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले पैनल सदस्यों ने निरंतर प्रगतिशील शिपिंग व्यापार के लिए जहाज मरम्मत एवं ड्राई डॉक से जुड़े बुनियादी ढांचे जैसी सहायक सुविधाओं से युक्त समुचित परितंत्र विकसित करने की जरूरत पर विशेष बल दिया।
विशाखापत्तनम पोर्ट ट्रस्ट के चेयरमैन श्री पी.एल. हरनाथ की अध्यक्षता में जाने-माने पैनल सदस्यों ने अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास की अहमियत और तटीय शिपिंग को बढ़ावा देने की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा कि देश में अंतर्देशीय जलमार्गों का विस्तृत नेटवर्क होने के बावजूद उनका अपेक्षा से कम उपयोग होता है। इसके साथ ही इन पैनल सदस्यों ने जलमार्गों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए रूपात्मक बदलाव की जरूरत पर विशेष जोर दिया, क्योंकि जलमार्गों के जरिए ढुलाई अपेक्षाकृत सस्ती पड़ती है और इसके साथ ही इसमें भारी-भरकम पूंजीगत निवेश की गुंजाइश होती है।