नई दिल्ली: “एसडीआरएफ-2017 का क्षमता निर्माण” पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आज यहां संपन्न हो गया। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कल सम्मेलन का उद्घाटन किया था। सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रीय आपदा राहत बल ने राज्यों के आपदा राहत बलों की क्षमताओं में वृद्धि और आपसी तालमेल को बढ़ाने के लिए किया था।
राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन आज केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने राज्यों से आए प्रतिनिधियों को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को मिलकर काम करने पर जोर दिया ताकि आपदा के खतरे को कम किया जा सके। उन्होंने दोनों बलों से अपनी प्राथमिक भूमिका के अलावा लोगों को जागरुक करने और नई तकनीक के प्रयोग से नई चुनौतियों से निपटने की अपील की। उन्होंने राज्य आपदा राहत बलों के लिए विशेष प्रशिक्षण और उन्हें नई तकनीक से सुसज्जित करने पर भी जोर दिया ताकि यह बल आपदा के समय तेजी से सटीक काम कर सकें। केंद्रीय गृह सचिव ने राज्यों से आए प्रतिनिधियों को हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के कार्यकारी निदेशक संतोष कुमार ने “ देश की संवेदनशील रूपरेखा और उभरती चुनौतियां ” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, संसाधन, जनसंख्या, आपदा स्थिति, जीवन प्रत्याशा, समस्याग्रस्त क्षेत्र, तीव्र शहरीकरण, भविष्य में आपदाओं की प्रकृति के क्षेत्र से जुड़ी आपदा प्रबंधन की चुनौतियों के बारे में विस्तार से चर्चा की।
असम, बिहार, गुजरात, जम्मू- कश्मीर, केरल, मध्य प्रदेश नगालैंड, तमिलनाडु और उत्तराखंड से आए प्रतिनिधियों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दीं।