मुंबई: भारतीय स्टेट बैंक ने ओला और ऊबर की टैक्सी पर देश भर में लोन देने पर रोक लगा दी है। दोनों टैक्सी ऐग्रिगेटर्स के ड्राइवर्स के बड़ी संख्या में डिफॉल्टर साबित होने के चलते देश के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक ने यह फैसला लिया है। पेमेंट डिफॉल्ट के मामले में बैंक ने अब तक करीब 300 कारों को सीज किया है। इन मामलों से कैब की बढ़ती संख्या और इनसेंटिव में कमी के चलते ड्राइवर्स की कमाई में कमी की बात भी सामने आती है। बीते कई महीनों से दोनों कंपनियों ने ड्राइवर्स को मिलने वाले इनसेंटिव में बड़ी कटौती की है। स्टैट बैंक ने कैब्स पर करीब 120 करोड़ रुपये के लोन जारी किए हैं। पूरे मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि बैंक को इन लोन पर समय से रकम वापस पाने में मुश्किलें आ रही हैं।
एसबीआई के एक टॉप एग्जिक्यूटिव ने बताया, ‘हमने सावधानी बरतते हुए ओला और ऊबर की कारों की फाइनैंसिंग को रोक दिया है।’ हालांकि अधिकारी ने कहा, ‘इन कंपनियों की कारों को लोन देने की योजना को रोक अस्थायी है क्योंकि हम कुछ समय तक स्थिति पर नजर रखना चाहते हैं।’ इस मामले में ओला और ऊबर की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। बैंक ने मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु जैसे बड़े मार्केट्स में इन लोन्स पर रोक लगा दी है। लेकिन, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और हैदराबाद जैसे मार्केंट्स में लोन जारी किए जा रहे हैं। एसबीआई ने बेंगलुरु में ऐसे लोन्स पर पिछले साल ही रोक दी थी।
एसबीआई के एग्जिक्यूटिव ने कहा, ‘टैक्सी ऐग्रिगेटर वीकल्स को हम 130 करोड़ रुपये तक का लोन जारी कर रहे थे। अब यह आंकड़ा 120 करोड़ रुपये तक आ गया है।’ लोन के पोर्टफोलियो में करीब 15 से 16 करोड़ रुपये फंसे हैं। अधिकारी ने कहा कि बैंक इस राशि को निकालने के लिए सीज किए गए वाहनों की नीलामी शुरू करने जा रहा है। अधिकारी ने कहा कि अब तक हमने 80 वाहनों की नीलामी कर दी है। फिलहाल हम एनपीए अकाउंट्स में 20 पर्सेंट रिकवरी की उम्मीद कर रहे हैं।