नई दिल्ली: कई महत्वपूर्ण सुझावों के साथ सुशासन, विकास और मानवाधिकारों पर दो दिवसीय राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के राष्ट्रीय सम्मेलन का आज यहां समापन हो गया। समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि विधि एवं न्याय तथा इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि शासन को उत्तरदायी, पारदर्शी और सहभागी होना चाहिए।
श्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि भारत को अधिकार संपन्न बनाने के लिए सरकार ने डिजिटल शासन की शुरूआत की है। डिजिटलीकरण के जरिये सरकार ने चोरी और हेराफेरी इत्यादि से 58 हजार करोड़ रुपये की बचत की है। उन्होंने कहा कि सरकार ड्राइविंग लाइसेंस को आधार नम्बर से जोड़ने पर विचार कर रही है ताकि नकली और फर्जी ड्राइविंग लाइसेंसों पर अंकुश लग सके। उन्होंने कहा कि आधार से गैस कनेक्शनों को जोड़े जाने के बाद कई फर्जी गैस कनेक्शनों का पता लगा है।
इसके पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष श्री न्यायमूर्ति एच एल दत्तू ने कहा कि सुशासन से ही लोग अधिकार संपन्न बनेंगे और मानवाधिकारों की सुरक्षा होगी। सम्मेलन में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली, बेहतर शिक्षा, आधारभूत ढांचे इत्यादि के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिये गए।
सम्मेलन का उद्घाटन कल गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने किया था।
सम्मेलन में हिस्सा लेने वालों में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य श्री न्यायमूर्ति पी सी घोष, श्री न्यायमूर्ति डी मुरुगेसन, श्री एस सी सिन्हा, सुश्री ज्योतिका कालरा, महासचिव, श्री अंबुज शर्मा, अध्यक्ष और राज्य मानवाधिकार आयोगों और अन्य आयोगों के सदस्य तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों के आला अधिकारी, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की समितियों के सदस्य, पत्रकार, गैर सरकारी संगठन, रिसर्च स्कॉलर आदि उपस्थित थे।