देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कचहरी स्थित शहीद स्मारक पहुंचकर शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। ’इस अवसर पर शहीद स्मारक पर उपस्थित लोगों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि उनके पास राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण के संबंध में विभिन्न क्षेत्रों से लोग मिलने आते है और राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण की तिथि को बढ़ाये जाने की मांग करते है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण की तिथि को 31 दिसम्बर तक बढ़ाये जाने की घोषणा की है।’
मुख्यमंत्री ने सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में भी राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर शहीद राज्य आंदोलनकारियों के चित्रों पर माल्यार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सचिवालय कार्मिकों को कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी से राज्य की सेवा करने की शपथ भी दिलाई। राज्य स्थापना दिवस की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जिन लोगों के त्याग, बलिदान और संघर्ष के परिणामस्वरूप राज्य हमको मिला है, उन्हें हम श्रद्धांजलि देते हैं। राज्य सरकार आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप राज्य का विकास करने को प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहाँ सकारात्मक सोच होगी, वहाँ कोई समस्या ही नहीं होगी। हम सबको एकात्म भाव को अपनाना होगा। किसी भी अधिकारी या कर्मचारी में कोई अंतर नहीं है। राज्य के विकास के लिए छोटे से लेकर बड़े तक प्रत्येक अधिकारी-कर्मचारी की समान जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमारे आई.ए.एस. अधिकारी जब विद्यालयों में गए, उन्होंने विद्यार्थियों से संवाद किया तो अधिकारियों वस्तुस्थिति का ज्ञान हुआ होगा। इससे आगे की योजनाएं बनाने में सहायता मिलेगी, साथ ही इससे बच्चों में भी आत्मविश्वास जागेगा कि एक दिन हम भी बड़े अधिकारी बन सकते हैं। उन्होंने सचिवालय कर्मियों को पूर्ण ईमानदारी से कार्य करने और भ्रष्टाचार का समूल नाश करने हेतु आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार को समाप्त कर दिया जाए तो विकास स्वयं ही हो जाएगा। सचिवालय, राज्यरूपी शरीर का हृदय है, राज्य के विकास के लिए हमें लगातार धड़कते रहना है।