क्रिकेट के खेल में अक्सर युवा छोटे-छोटे शहरों से आते हैं और अपने अच्छे खेल के दमपर दुनिया भर में अपनी पहचान बनाते हैं। ऐसे ही एक क्रिकेटर हैं बांग्लादेश के मेहंदी हसन। दाहिने हाथ के ऑफ ब्रेक गेंदबाज मेहंदी हसन ने साल 2016 में बांग्लादेश टीम की ओर से टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था और उन्होंने आते ही धमाल मचा दिया। अपने शुरुआती तीन टेस्ट मैचों में 21 विकेट लेने के साथ ही 19 साल के इस गेंदबाज ने अपनी अनूठी प्रतिभा का परिचय दुनियाभर को दिया था।
वैसे बांग्लादेश टीम में आने से पहले का सफर मेहंदी के लिए कतई आसान नहीं रहा। उन्होंने बचपन से ही अपनी जिंदगी में जमकर संघर्ष किया। मेहंदी एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे। इसलिए उन्होंने अपना बचपन टीन के घर में रहकर गुजारा। उनके पिता एक ड्राइवर के रूप में कार्य करते थे। हालांकि, मेहंदी ने गरीबी को अपने ऊपर कभी हावी नहीं होने दिया और राष्ट्रीय टीम में पदार्पण करने के बाद उन्होंने जलवा बिखेर दिया।
मेहंदी हसन का नाम उस समय मीडिया में आया था जब उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में जबरदस्त गेंदबाजी की थी। इनके प्रदर्शन के दम पर ही बांग्लादेश ने इंग्लैंड को पहले टेस्ट में हराने में सफलता दर्ज की थी। उनके प्रदर्शन से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हसीन शेख इतनी खुश हुईं थीं कि उन्होंने उनके लिए घर बनवाने की घोषणा तक कर दी थी। मेहंदी हसन के पिता जलाल हुसैन पेशे से एक कार ड्राइवर रहे हैं। उनका पूरा परिवार खुलना के खलिसपुर में टीन के दो कमरों के मकान में रहता था।
हालांकि, वह पहले क्रिकेटर नहीं है जो गरीब हैं। बल्कि भारतीय तेज गेंदबाज मुनाफ पटेल का परिवार भी बहुत गरीब हुआ करता था। मुनाफ ने तो अपने बचपन के दिनों में मजदूरी भी की है और इस दौरान वह 8 घंटे में 35 रुपए कमाया करते थे। बाद में उन्होंने क्रिकेट में जमकर पैसा कमाया और अब उनके गांव में उनका लंबा चौड़ा घर है। मुनाफ आजकल अक्सर अपने गांव में ही रहते हैं।