कर्नाटक में राहुल गांधी ने ताल ठोककर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दी वो नीरव मोदी के घोटाले के बारे में बोलकर दिखाएं, हिम्मत है तो येदियुरप्पा और रेड्डी भाइयों के भ्रष्टाचार के बारे में दिल खोलकर बोलें?
अगले दिन पीएम मोदी कर्नाटक पहुंचे, राहुल से मिली चुनौती का जिक्र भी किया पर उसे स्वीकार करने या जवाब देने के बजाए उल्टे कांग्रेस अध्यक्ष को चुनौती दे डाली कि वो पांच बार विश्वैश्वरैया बोलकर दिखाएं. कांग्रेस ने फिर पलटकर चुनौती दी पीएम मोदी 15 सेकेंड बिना झूठ बोले भाषण देकर दिखाएं. मतलब चुनौती का जवाब नहीं मिलेगा पर बदले में नई चुनौती ठोक दी जाएगी. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में यही चुनौती खेल चल रहा जिसमें सब एक दूसरे को धमका रहे हैं, पर जवाब कोई नहीं दे रहा है.
सबके पास एक ही फॉर्मूला है चुनौती ऐसी दो जिसकी गारंटी हो कि पूरी नहीं होगी. जैसे दीवार के विजय ( अमिताभ बच्चन) ने इंस्पेक्टर बने शशिकपूर को चुनौती दी थी कि वो अपराध स्वीकार करने वाले कागज में दस्तखत को तैयार हैं, लेकिन पहले फलाने दस्तखत लेकर आओ. शशिकपूर ने चुनौती मंजूर नहीं की. बस मौके का फायदा उठाकर अमिताभ ने भी दस्तखत नहीं किए.
इसी तरह कर्नाटक के लोग भी जानते हैं कोई किसी की चुनौती स्वीकार ही नहीं करेगा, चुनाव खत्म होते होते सब की सब सरकारी प्रोजेक्ट की तरह पेंडिंग ही रह जाएंगी.
द क्विंट