नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने इंडिया हेबिटेट सेंटर में ‘कपट जोखिम प्रबंधन- नई पहलें’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। उल्लेखनीय है यह आयोजन लोक प्रशासन में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को प्रोत्साहन देने के लिए देश भर में आयोजित होने वाले ‘सतर्कता जागरूकता सप्ताह-2017’ के अंग के रूप में किया गया। संगोष्ठी का उद्घाटन सतर्कता आयुक्त डॉ. टी.एम. भसीन ने किया और समारोह की अध्यक्षता केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त डॉ. वी.पी. जॉय ने की।
संगोष्ठी में विषय-प्रवर्तन करते हुए श्री भसीन ने नागरिक-सरकार के स्तर पर पारदर्शिता में सुधार लाने के लिए ईपीएफओ द्वारा प्रौद्योगिकी अपनाने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने ईपीएफओ को बधाई दी कि वह देश में कारोबार में आसानी पैदा करने की दिशा में शानदार काम कर रहा है। उन्होंने कपट और प्रवंचना को रोकने के लिए प्रणाली में और सुधार किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त डॉ. वी.पी. जॉय ने ईपीएफओ द्वारा शुरू किए जाने वाले डिजिटल कदमों का उल्लेख किया और बताया कि अब ईपीएफओ द्वारा दावों के निपटान संबंधी सभी गतिविधियां ऑनलाइन चलाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त, 2018 तक ईपीएफओ कागज-मुक्त संगठन बन जाएगा।
आयकर के प्रमुख आयुक्त और एसएफआईओ के पूर्व निदेशक श्री निलिमेश बरूआ ने पहचान और कारपोरेट कपट एवं प्रवंचना को पकड़ने के लिए पूर्व चेतावनी के बारे में बताया। ईपीएफओ की पहलों और उपलब्धियों के बारे में एक वृत्त-चित्र भी दिखाया गया।