नई दिल्लीः कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केन्द्रीय बोर्ड की 219वीं बैठक कल यहां आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्ष श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री संतोष कुमार गंगवार ने की।
बोर्ड द्वारा लिये गये अहम फैसले इस प्रकार हैं –
- बोर्ड ने 20 मई, 2017 से 30 सितम्बर, 2017 की अवधि के दौरान हुई क्षति को माफ करने संबंधी पात्रहीन प्रतिष्ठानों के 10 निवेदनों पर विचार किया, जिन्हें ईपीएफओ ने पहले रद्द कर दिया था।
- केन्द्रीय बोर्ड ने अगस्त 2015 से इक्विटी एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश करना शुरू किया था। इक्विटी निवेश के मूल्यांकन और हिसाब-किताब के लिए आईआईएम बेंगलूरू के परामर्श से लेखांकन नीति तैयार की थी। लेखांकन नीति में भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (सीएजी) के विचारों को भी शामिल किया गया था। केन्द्रीय बोर्ड ने इसे स्वीकार कर लिया है।
- हितधारकों को भुगतान के संबंध में ईपीएफओ की मौजूदा विकेन्द्रीकृत प्रणाली में लेनदेन की अधिक लागत आती है, असफल लेनदेन के मामले में दोबारा निधि भेजने में विलंब होता है और उसमें ‘आधार’ के स्तर पर भुगतान की सुविधा नहीं है। इसलिए ईपीएफओ ने केन्द्रीकृत भुगतान प्रणाली को अपनाने का प्रस्ताव किया, जिसके लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाना है। प्रस्तावित प्रणाली के लाभ इस प्रकार हैं :-
- एनपीसीआई प्लेटफॉर्म के जरिये लाभार्थियों को उसी दिन धनराशि का अंतरण।
- कार्यालय टी+0 आधार पर लेनदेन की स्थिति का समायोजन कर सकता है। असफल लेनदेन के मामले में लाभार्थियों के खातों में निधि को जल्द दोबारा भेजा जा सकता है।
- ‘आधार’ के स्तर पर धनराशि के अंतरण की सुविधा उपलब्ध।
- बैंक शुल्क के रूप में लेनदेन का खर्च भी कम होगा।
उपरोक्त के लिए बोर्ड ने सैद्धान्तिक मंजूरी दे दी है।
केन्द्रीय बोर्ड ने हितधारकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए ईपीएफओ द्वारा हाल में उठाये गये सूचना प्रौद्योगिकी आधारित कदमों पर विचार किया-
- एकीकृत पोर्टल पर सभी नागरिकों के लिए ऑनलाइन ‘आधार’ प्रमाणित यूएएन आबंटन : योगदान जमा करने और आयकर का ब्यौरा देने के लिए सार्वभौमिक खाता संख्या (यूएएन) अनिवार्य कर दिया गया है। बहरहाल, प्रतिष्ठान कर्मचारियों के ‘आधार’ विवरण को जोड़ने में कठिनाई का अनुभव कर रहे हैं। इस कठिनाई को दूर करने के लिए यह सुविधा दे दी गई है कि कोई भी नागरिक/मौजूदा/भावी कर्मचारी अपने ‘आधार’ की सहायता से यूएएन प्राप्त कर सकता है और उसे केवाईसी विवरण के साथ जोड़ सकता है। पंजीकरण सुविधा एकीकृत पोर्टल के https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/ पर उपलब्ध है। यह ऑनलाइन सुविधा है, इसलिए कोई दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं है।
- नाम, जन्मतिथि और लिंग विवरण में सुधार के लिए ईपीएफ सब्सक्राइबरों को ऑनलाइन सुविधा प्रदान करना : डिजिटल भारत के संबंध में सरकार के फैसले के अनुरूप एक सुविधा विकसित की गई है, जहां सदस्य नाम, जन्मतिथि और लिंग विवरण में सुधार के लिए अपने नियोक्ता को ऑनलाइन निवेदन कर सकता है, जो एकीकृत पोर्टल https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/ पर उपलब्ध है।
हितधारकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए ईपीएफओ ई-शासन प्रणाली को मजबूत बनाने के वास्ते प्रतिबद्ध है। ईपीएफओ ने कई ई-शासन पहलों की शुरूआत की है, जिनमें इलेक्ट्रोनिक चालान एवं रिटर्न, सदस्य ई-पासबुक, राष्ट्रीय इलेक्ट्रोनिक निधि अंतरण के जरिये भुगतान, प्रतिष्ठानों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण, मोबाइल गवर्नेंस, दावों की ऑनलाइन रसीद, खातों का स्वमेव अंतरण इत्यादि शामिल हैं।