लखनऊः प्रदेश में चल रही गेहूँ खरीद के तहत लघु तथा सीमान्त किसानों को गेहूँ खरीद केन्द्रों पर बेचने में दिक्कत न आए इसलिए उनका गेहूँ वरीयता के आधार पर क्रय करने के निर्देश दिए गए हैं। यह जानकारी खाद्य आयुक्त श्री आलोक कुमार ने आज यहाँ दी। श्री आलोक कुमार ने बताया कि प्रदेश में इस वर्ष गेहूँ क्रय की गति काफी तेज चल रही है। लगभग 01 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की दैनिक खरीद की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष खुले बाजार में गेहूँ की मांग कम होने के कारण क्रय केन्द्रों पर गेहूँ की विक्रय हेतु काफी आवक हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप क्रय केन्द्रों पर बिचैलियों, आढ़तियों के सक्रिय होने तथा वास्तविक किसान को गेहूँ विक्रय करने में विलम्ब होने की शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिसके दृष्टिगत पंजीकृत सहकारी समिति, मल्टीस्टेट को-आपरेटिव सोसाइटी (एडको व नैकाॅफ) एन0सी0सी0एफ0 एवं पी0सी0यू0 की प्राइवेट समितियांे द्वारा संचालित गेहूँ क्रय केन्द्रों पर गेहूँ क्रय, आॅनलाइन फीडिंग, किसानों को 72 घण्टे के अन्दर आर0टी0जी0एस0 से भुगतान, केन्द्र पर अवशेष स्टाॅक तथा बोरों के लेखा-जोखा की जांच/भौतिक सत्यापन आदि के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए जनपद स्तर पर एक जांच कमेटी बनायी गयी है। जांच कमेटी मंे जनपद के जिला खाद्य विपणन अधिकारी, जिला निबन्धक/सहायक आयुक्त, सहकारिता तथा भारतीय खाद्य निगम के प्रबन्धक स्तर के अधिकारियों को रखा गया है। जांच कमेटी से आगामी 24 मई तक रिपोर्ट मांगी गयी है।
खाद्य आयुक्त ने कहा कि गेहूँ क्रय वर्ष 2017-18 में 15 जून, 2017 तक 36.99 लाख मीट्रिक टन खरीद हुई थी, जबकि इस वर्ष अब तक 38.05 लाख मीट्रिक से अधिक खरीद की जा चुकी है।