देहरादून: केन्द्रीय दत्तक सलाहकार समिति महिला कल्याण एवं बाल विकास मन्त्रालय भारत सरकार के सदस्यीय दल के प्रदेश भ्रमण के दौरान आज सदस्यों व प्रदेश की महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या के मध्य विधानसभा स्थित उनके कक्ष में दत्तक गृहण प्राधिकरण में निवासरत 0 से 18 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों के हितों के सम्बन्ध में विचार विमर्श हुआ।
विचार विमर्श के दौरान श्रीमती आर्या द्वारा कहा गया कि प्रदेश व देश में दत्तक गृहण प्राधिकरणों में निवासरत 0 से 1 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों की गोद लेने की प्रक्रिया (एडोप्सन) को गति दी जाय ताकि इस आयु वर्ग के बच्चों को मातृत्व एवं पितृत्व लाभ मिल सकंे। उन्होंने कहा कि प्रदेश व देश के दत्तक गृहण प्राधिकरणों मंे निवासरत 0 से 1 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चो के आंकडे एवं गोद लेने वाले दम्पती एवं लोगो के आंकडे एकत्रित कर लिये जाय। उन्हांेने कहा कि जिन बच्चो को गोद दिया जा रहा है गोद दिये जाने के बाद भी उनकी लगातार निगरानी रखी जाय ताकि पता चल सके कि बच्चो का उचित पालन पोषण हो रहा है अथवा नहीं।
श्रीमती आर्या ने कहा कि जो बच्चे दत्तक गृहण प्राधिकरणों में निवासरत है उनके लिए अच्छा वातावरण एवं शिक्षा दीक्षा की व्यवस्था की जाय ताकि वे आत्म निर्भर बने सकें। उन्हें मात्र किताबी ज्ञान न देकर व्यवहारिक ज्ञान भी दिया जाय।
श्रीमती आर्या ने दत्तक गृहण प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे अपने दायित्वों को गम्भीरता से लें। सवेंदनशील रहकर कार्य करें। उन्होने कहा कि दत्तक गृहण प्राधिकरणों में निवासरत बच्चों का किसी प्रकार से शोषण व दुव्र्यवहार न हो इसकी निगरानी हेतु प्राधिकरणों में सीसीटीवी कैमरे लगाये जाय।
इस अवसर पर केन्द्रीय दत्तक गृहण प्राधिकरण (कारा) के चेयरमेन एम रामचन्द्र रेड्डी, कारा एडवायजरी बोर्ड मेम्बर उत्तराखण्ड सुषमा खर्कवाल, मुख्य परिवीक्षा अधिकारी महिला कल्याण उत्तराखण्ड वन्दना सिंह, ओएसडी डाॅ0 मीनू एवं राज्य दत्तक गृहण प्राधिकरण (सारा) कार्यक्रम अधिकारी विक्रम लाल नखोलिया, देहरादून से जिला प्रोवेशन अधिकारी मीना बिष्ट आदि मौजूद थे।