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कार्यों में ढिलाई सहन नहीं की जाएगी : बीरेन्‍द्र सिंह, इस्‍पात मंत्री

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नई दिल्ली: 5 सितंबर को इस्‍पात मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ साप्‍ताहिक समीक्षा बैठक में इस्‍पात मंत्री श्री बीरेन्‍द्र सिंह ने कहा कि वे सार्वजनिक क्षेत्र के इस्‍पात उपक्रमों में सुधार और परिवर्तन करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्‍होंने कहा कि मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारियों को कार्य स्‍थल पर जाकर तथा समीक्षा करने के लिए प्रत्‍येक इस्‍पात संयंत्र के कार्य निष्‍पादन की निगरानी करने की जिम्‍मेदारी दी जाएगी। अधिकारी प्रत्‍येक संयंत्र के लिए निर्धारित लक्ष्‍य प्राप्‍त करने की प्रगति की जांच करेंगे। यह भी उल्‍लेखनीय है कि इस्‍पात मंत्रालय ने पहले ही एक विशेषज्ञ समिति का गठन कर रखा है, जिसने इन संयंत्रों के उत्‍पादन और उत्‍पादकता में सुधार के लिए कई सिफारिशें की हैं। भविष्‍य के कार्य की रूपरेाखा तय करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि किसी भी स्‍तर पर ढिलाई सहन नहीं की जाएगी और इस्‍पात मंत्रालय तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में कार्यशैली में जवाबदेही तथा परिणाम उत्‍पादक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। उन्‍होंने मंत्रालय के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि इस्‍पात उपक्रमों में सर्वश्रेष्‍ठ कार्य करने वाले संयंत्र के लिए ‘प्‍लांट ऑफ एक्सिलेंस’ पुरस्‍कार निर्धारित करने के लिए कार्य करें, ताकि दूसरे संयंत्र श्रेष्‍ठ कार्य करने के लिए प्रेरित हों। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रीय इस्‍पात नीति 2017 में इस्‍पात उत्‍पादन के लिए 300 मिलियन टन का लक्ष्‍य रखा गया है, जिसे वर्षवार विभाजित करना होगा तथा वास्‍तविक उपलब्धि के लिए उत्‍पादन में वार्षिक वृद्धि सुनिश्चित करनी होगी। उन्‍होंने अतीत की उपलब्धियों की सराहना की और कहा कि इस्‍पात क्षेत्र में काफी अधिक क्षमता है और “मेक इन स्टील फॉर मेक इन इंडिया” दृष्टिकोण के लिए इसका उपयोग करने की आवश्‍यकता है। इस बैठक में सचिव इस्‍पात, डॉ. अरुण शर्मा अन्‍य संयुक्‍त सचिव और इस्‍पात मंत्रालय के अन्‍य अधिकारियों ने भाग लिया।

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