कासगंज: गणतंत्र दिवस के दिन उत्तर प्रदेश के कासगंज में नफ़रतों का ऐसा दौर चला की इंसानियत कही खोती दिखायी दी। धर्म के नाम पर इंसानियत को पैरों तले कुचला गया। लोगों को उनका धर्म पूछकर पिटा गया, लोगों की सम्पत्तियों को आग लगा दी गयी। और रही सही कसर धार्मिक स्थलों को क्षतिग्रस्त करके पूरी की गयी। लेकिन अभी भी समाज में ऐसे लोग है जो इन नफ़रत पैदा करने वालों को आइना दिखाते रहते है।
गणतंत्र दिवस के दिन कासगंज से कुछ 20 किलोमीटर दूर अमांपुर गाँव में भी दंगाइयो ने तांडव मचाया। यहाँ स्थिति एक दरगाह की दीवार को तोड़ दिया गया। यही नही क़रीब तीन खोखो को भी आग लगायी गयी। इस गाँव की आबादी क़रीब दस हज़ार है। यहाँ हिंदू और मुस्लिम हमेशा से भाईचारे और अमन के साथ रहते आए है। यही बात नफ़रत के सौदागरों को अच्छी नही लगी इसलिए माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गयी।
लेकिन अमांपुर गाँव के हिंदुओ ने उन दंगाइयो को मुँहतोड़ जवाब दिया है। उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए कहा की हम इस घटना से शर्मिंदा है। यही नही यहाँ के हिंदुओ ने एक मिसाल क़ायम करते हुए घोषणा ईदगाह की क्षतिग्रस्त दीवार को बनवाने का ज़िम्मा भी अपने ऊपर लिया है। हिंदुओ के इस क़दम की यहाँ के मुस्लिमों ने भी तारीफ़ की है। इस दौरान दोनो वर्गों ने अमन और शांति की बात करते हुए कहा की यह अमनपुर है, यहां दिलों में मुहब्बत है, नफरत के लिए कोई जगह नहीं।
मौक़े पर पहुँचे दोनो वर्गों के लोगों ने पुलिस अधिकारियों को विश्वास दिलाया कि यहाँ कोई विवाद नही है। यह दंगाइयो की हरकत है जिससे गाँव का माहौल बिगड़ सके। न पहले यहाँ विवाद था और न आगे होगा। लखनऊ में एडीजी आनंद कुमार ने भी इस भाईचारे की तारीफ की है। बताते चले की कासगंज में हुई साम्प्रदायिक हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी जबकि दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए।
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