1. यदि कभी किसी किरायेदार की मृत्यु हो जाती है और उसके परिवार के सदस्यों को उसी मकान में रहने का पूरा अधिकार होगा।
2. ऐसे अधिकार प्राप्त मकान अथवा मकान के भाग को धूप पानी तथा हवा से सुरक्षा करवाने के लिए जरूरी मारम्त करवा सकता है।
3. किरायेदार भूमिकर देने की सीमा किरायेदार 1 मास का किराया मालिक से काट सकता है। इसका नया कानून 1/3 भाग से घटा कर भाग 1/4 का दिया गया है।
4. कोई भवन मालिक किरायेदार को अपने मकान से नहीं निकाल सकता है और न ही व्यर्थ का किराया बढ़ा सकता है।
5. मालिक मकान न्याय या प्रर्याप्त करणों के बिना किरायेदार द्वारा जो चीज उपयोग की जा रही है। जैसे पानी, बिजली जैसे कई चीजें उनकों रोकने का अधिकार उसे नहीं होगा।
6. मकान का किराया वही माना जायेगा जो किरायेदार और मकान मालिक के बीच मे तय हुआ है।
7. यदि मालिक मकान किराया नहीं लेता तो किरायेदार इसे अदालत में जमा करवा सकता है।
8. मरम्मत करवाने के लिए कोई मकान मालिक मकान को अदालत द्वारा खाली करवाने का अधिकार रखता है।
9. किसी किरायेदार को यह अधिकार नहीं कि उस मकान के किसी भी भाग को किराये पर दे सकें।
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