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किसानों के “फार्मर्स फस्र्ट“ कार्यक्रम और किसानों की प्रशिक्षण का शुभारंभ

उत्तर प्रदेशकृषि संबंधित

लखनऊ: भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ तथा हिन्ुदुस्तान इन्सेक्टीसाइड लिमिटेड, नयी दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में भारत सरकार द्वारा पोषित “फार्मर्स फस्र्ट“ परियोजना का उद्घाटन एवं “कीटनाशकों के सुरक्षित एवं विवेकपूर्ण उपयोग विषय पर किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम“ का आयोजन दिनांक 21 मार्च, 2017 को प्रातः 11.30 संस्थान के रहमानखेड़ा स्थित सभागार में किया जायेगा। इस अवसर पर माननीय श्री श्रीराम नाईक, राज्यपाल, उत्तर प्रदेश सरकार कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। इस कार्यक्रम का मुख्य उददेश्य आम के बागवानों की अधिकाधिक आय बढ़ाना एवं आम का गुणवत्तापूर्ण उत्पादन सुनिश्चित करना है। इस अवसर पर आम की उत्पादन श्रंखला से जुड़े विभिन्न सहभागियों यथा किसान, राज्य सरकार के अधिकारियों, पूर्व फसल कटाई/तुड़ाई कंट्रैक्टर्स, ट्रांसपोर्टर्स, कृषि इनपुट आपूर्तिकर्ताओं, बाजार से जुड़े व्यवसायियों, कृषि विज्ञान केन्दों व अन्य विभिन्न प्रौद्योगिकी विकास संस्थाओं के सम्म्सिलित हांेगे। इस अवसर पर किसानों के लिये एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में मलिहाबाद क्षेत्र के लगभग 500 किसानों के भाग लेने की सम्भावना है।

देश और राज्य के वर्तमान परिदृश्य में बागवानी विकास

पिछले चार दशकों के दौरान कृषि क्षेत्र की प्रगति काफी प्रभावशाली रही है जिससे कृषि क्षेत्र में भोजन एवं पोषण के लिए बढ़ती मांग की आपूर्ति में काॅफी सफलता प्राप्त हुई है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र लगभग 15 प्रतिशत का योगदान करता है। अकेले बागवानी क्षेत्र कृषि के सकल घरेलू उत्पाद में 30 फीसदी से अधिक का योगदान दे रहा है। देश में बागवानी फसलों का उत्पादन 280 मिलियन टन से अधिक है जो पूरे देश के खाद्यान्न उत्पादन (260 मिलियन टन) से भी अधिक है। भविष्य में उत्पादकता में सुधार लाने, रोजगार के अवसर पैदा करने, आजीविका सुरक्षा, किसानों एवं उद्यमियों के आर्थिक परिस्थितियों में सुधार लाने और सभी के स्वास्थ्य और पोषण की सुरक्षा सुनिश्चित करने में “फार्मर्स फस्र्ट“ परियोजना की भूमिका बढेगी। भारत में फल का उत्पादन 7.22 मिलियन हेक्टर से बढकर 88.97 मिलियन मैट्रिक टन हो गया है जो चीन के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा फल उत्पादक देश है। यह उत्पादन दुनिया के कुल फलोत्पादन का लगभग 12 प्रतिशत है। मानव शरीर के लिए फलों की अत्यधिक आवश्यकता है। सर्वेक्षणों से महिलाओं और बच्चों में 51-74 प्रतिशत एनीमिया के संकेत मिलते हैं। भारत में जनसंख्या के वर्तमान स्तर के आधार पर वर्ष 2020-21 में बागवानी उत्पाद की वार्षिक आवश्यकता 360 मिलियन मी. टन पहुँच जाएगी। वर्तमान में भारत विश्व स्तर पर फल और सब्जी दोनों का एक प्रमुख उत्पादक है, लेकिन आज भारत में फल और सब्जियों की प्रति व्यक्ति उपभोग केवल लगभग 46 ग्राम और 130 ग्राम है जबकि न्यूनतम आवश्यकता प्रति व्यक्ति प्रति दिन क्रमशः 92 ग्राम और 300 ग्राम है।
उत्तर प्रदेश में बागवानी विकास की असीम सम्भावनाएं हंै। भारत सरकार का सन 2022 तक किसानों की आमदनी दो गुनी करने के लक्ष्य के मद्देनजर कृषि में पूर्ण परिवर्तन की आवश्यकता है। इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए आम बागवानों के लिये खास रणनीति बनाने के लिये संस्थान में “फार्मर्स फस्र्ट“ परियोजना का उद्घाटन एवं “कीटनाशकों के सुरक्षित एवं विवेकपूर्ण उपयोग विषय पर किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम“ का आयोजन किया जा रहा है।

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