लखनऊ: केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के हित में एक ऐतिहासिक फैसला किया। सरकार ने 2018-19 के खरीफ की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को लागत का डेढ़ गुना या उससे अधिक बढ़ा दिया, अर्थात किसानों को अब अपनी फसल की लागत का डेढ़ गुना या इससे ज्यादा कीमत मिलेगी। मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 04 जुलाई को कैबिनेट की हुई बैठक में ये फैसला लिया गया। सरकार ने किसानों से वादा किया था कि सरकार किसानों को फसलों की लागत का डेढ़ गुना मूल्य देगी। बजट में बेहतर आय सृजन के जरिए किसानों की आय बढ़ाने पर भी जोर दिया गया था। साथ ही इस बजट में 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जरूरी कृषि नीति में बदलाव करने का संकेत भी दिया गया था। केन्द्रीय मंत्री कृषि भवन सभागार में अपने अभिनन्दन समारोह में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए प्रति वचनबद्ध है, जिसके लिए यह एक सघन नीति पर काम कर रही है। इसका जोर उत्पादकता में वृद्धि करने, खेती की लागत को कम करने एवं बाजार ढांचा सहित पोस्ट-हार्वेस्ट प्रबंधन को सुदृढ़ करने पर है। अनेक बाजार सुधारों की पहल की गई है। इसमें माॅडल कृषि उत्पाद एवं पशुधन विपणन अधिनियम, 2017 और माॅडल संविदा खेती एवं सेवा अधिनियम, 2018 शामिल हैं। बहुत से राज्य नियम के माध्यम से इन्हें अपनाने के संबंध में उपाय किये हैं। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए एक नये बाजार ढ़ाचे पर काम कर रही है कि किसानों को उनके उत्पादों के लिए लाभकारी मूल्य प्राप्त हो सके। इसमें ग्रामीण कृषि बाजार (जीआरएएम) की स्थापना करना शामिल है ताकि फार्म गेट, ई-एनएएम के माध्यम से एपीएमसी पर प्रतिस्पर्धात्मक एवं पारदर्शी थोक बिक्री व्यापार तथा एक मजबूत और प्रो-कृषक निर्यात नीति के सानिध्य में 22,000 खुदरा बाजारों को बढ़ावा दिया जा सके।
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि एक नई एमएसपी नीति जिसके तहत किसानों के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत लाभ मार्जिन सुनिश्चित किया जा सके, सुधारों की श्रृंखला में एक दूसरा प्रगतिशील उपाय है जिसके लिए सरकार विगत चार सालों से कार्यरत है। सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने एवं तत्पश्चात उसके कल्याण में सुधार लाने के लिए वचनबद्ध है।
2018-19 के लिए बजट में यह दर्शाया गया था कि किसानों की उच्चतर आय को सृजित करने पर विशेष जोर के माध्यम से 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने संबंधी उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए कृषि नीतियों में प्रतिमान विस्थापन अपेक्षित है। रामतिल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में 1827 रुपये प्रति कुन्तल, मूंग के न्यूनतम समर्थन मूल्यों में 1400 रुपये प्रति कुन्तल, सुजरमुखी बीज में 1288 रुपये प्रति कुन्तल तथा कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 1130 रुपये प्रति कुन्तल की वृद्धि अभूतपूर्व है।
उन्होंने कहा कि अनाजों एवं पोषक अनाजों में से, पूर्ण वृद्धि के मद में, धान (सामान्य) के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 200 रुपये प्रति कुन्तल, ज्वार (हाईब्रिड) में 730 रुपये प्रति कुन्तल, एवं रागी के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 997 में रुपये प्रति कुन्तल की वृद्धि हुई है। विगत वर्ष की तुलना में रागी (52.47 प्रतिशत) के साथ-साथ ज्वार हाईब्रिड (42.94 प्रतिशत) के न्यूनतम समर्थन मूल्य में सबसे अधिक प्रतिशत वृद्धि हुई है। दलहनों के लिए, मूंग के अलावा, अरहर (तूर) के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 225 रुपये प्रति कुन्तल की वृद्धि हुई है जिससे लागत के ऊपर 65.36 प्रतिशत का लाभ हुआ है एवं उड़द के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 200 रुपये प्रति कुन्तल की वृद्धि हुई जिससे लागत के ऊपर 62.89 प्रतिशत का लाभ हुआ है ताकि अतः फसल मूल्य समानता को बरकार रखा जा सके। इसी प्रकार, बाजरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 525 रुपये प्रति कुन्तल की वृद्धि हुई है जिससे लागत के ऊपर 96.97 प्रतिशत का लाभ हुआ है।
इससे पूर्व प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि किसानों के हित में भारत सरकार ने जो निर्णय लिए है, वह स्वागत योग्य हैं। इससे प्रदेश के 02 करोड़ 35 लाख किसानों को फायदा मिलेगा। किसानों के हित में केन्द्रीय कृषि मंत्री ने ऐतिहासिक कार्य किया है। श्री शाही ने बताया कि दुग्ध उत्पादन में हमारा प्रदेश प्रथम स्थान पर है। प्रदेश सरकार ने गेहूँ, दलहन, तिलहन की रिकार्ड खरीदारी की है और किसानों का एक-एक पैसा उनके खाते में ट्रांसफर किया है। बिचैलियों के शोषण से किसानों को मुक्त किया है। प्रदेश सरकार ने ज्वार, बाजरा तथा मूंग की भी खरीद की है। कम लागत में अधिक उत्पादन के गुर सिखाने के लिए गांव-गांव में किसान पाठशालायें आयोजित की जा रही हैं। मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण भी किया जा रहा है।
सम्मान समारोह को राज्य मंत्री कृषि रणवेन्द्र प्रताप सिंह, गन्ना राज्य मंत्री सुरेश राणा, सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा तथा किसान मोर्चा के अध्यक्ष राजा वर्मा ने भी सम्बोधित किया।