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किसान का हित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता, धान क्रय में लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध होगी कठोर कार्रवाई: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेशकृषि संबंधित

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने निर्देश दिए हैं कि वरिष्ठ अधिकारी धान क्रय केन्द्रों का निरीक्षण करें, किसानों की समस्याओं का निस्तारण कर धान क्रय कराएं, जिन कृषकों ने केन्द्र पर धान विक्रय किया है उनके मोबाइल नम्बर पर पता करें कि उन्हें कोई असुविधा तो नहीं हो रही है।

उन्होंने कहा है कि अधिकारी गांव मे ंएं तथा कृषक बन्धुओं को धान क्रय नीति के बारे में बताएं एवं निकटवर्ती केन्द्र पर धान बिकवाने में मार्गदर्शन व सहयोग प्रदान करें। उन्होंने कहा कि कृषक का हित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता, है यदि धान क्रय में कोई लापरवाही बरती जाती है तो दोषी के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।

मुख्यमंत्री जी ने यह भी निर्देश दिए है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के कतिपय जनपदों में धान में अधिक नमी अथवा खराब गुणवत्ता बताकर कृषकों का धान न खरीदने एवं क्रय केन्द्रों से उन्हें वापस करने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। कुछ धान क्रय केन्द्र अभी भी क्रियाशील नहीं हुए है अथवा उन पर कम खरीद हो रही है यह स्थिति ठीक नहीं है। किसानों के धान क्रय किए जाएं, लापरवाही व किसानों को परेशान करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।

उत्तर प्रदेश खाद्य एवं रसद विभाग के आयुक्त श्री आलोक कुमार ने बताया कि गत 24 दिसम्बर को मा0 मुख्यमंत्री जी के आवास पर धान क्रय की समीक्षा बैठक हुई, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि अब तक 3,382 धान क्रय केन्द्रों के माध्यम से 2,83,585 कृषकों से 23.88 लाख मी0टन धान क्रय किया गया है, जो कि अब तक गतवर्ष की धान खरीद से लगभग चार गुना अधिक है। कृषकों को धान के मूल्य के रुप में 3707.61 करोड़ रुपये का आॅनलाइन भुगतान भी किया गया है।

उन्होंने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि धान क्रय में अनियमितता एवं लापरवाही बरतने, अनाधिकृत धान/चावल का स्टाॅक रखने वाले 03 राइस मिलर, 01 ठेकेदार व 04 केन्द्र प्रभारी के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट कराई गई है, इसके साथ 18 अधिकारियों/कर्मचारियों को निलम्बित एवं 20 विभागीय अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई। उन्होंने बताया कि 73 अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई, 450 को चेतावनी व 582 को कारण बताओ नोटिस निर्गत करते हुए कुल 1161 अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध अब तक कार्यवाही की जा चुकी है।

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