लखनऊ: प्रदेश के पशुधन, लघु सिंचाई एवं मत्स्य विकास मंत्री प्रोफेसर एस0 पी0 सिंह बघेल ने कहा कि कुक्कुट पालन में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं और प्रदेश सरकार द्वारा कामर्शियल लेयर एवं ब्रायलर पैरेन्ट उत्पादन योजना चलायी जा रही है, जिसमें बैंक ऋण पर 10 प्रतिशत ब्याज की प्रतिपूर्ति लाभार्थी को दी जा रही है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि कुक्कुट पालन, मछली पालन आदि क्षेत्रों में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए लोगों को दी जाने वाली सुविधाओं से संबंधित जटिल प्रक्रियाओं को सरल बनाकर अधिक से अधिक युवाओं को इस क्षेत्र की ओर आकर्षित किया जाये।
श्री बघेल ने भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, तेलीबाग, लखनऊ के आडीटोरियम में ब्।त्क् एवं पशुपालन विभाग उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा कल मंगलवार को आयोजित पोल्ट्री उद्यमिता सेमिनार-2018 के अवसर पर कहा कि कुक्कुट विकास के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है। उ0प्र0 में अण्डे की खपत ज्यादा है और दिन प्रतिदिन माॅग बढ़ती जा रही है। कुक्कुट पालन को अपना कर रोजगार के साथ ही अधिक से अधिक आय प्राप्त की जा सकती है।
सेमिनार में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने इस मौके पर अपनी व्यावहारिक समस्याओं को अवगत कराते हुए उसके समाधान का अनुरोध किया। प्रो. बघेल ने उनकी समस्याओं को संवेदनशीलता पूर्वक सुनकर समाधान किये जाने का भरोसा देते हुए कहा कि इस तरह के उपयोगी सेमिनार ग्राम स्तर पर भी आयोजित किये जाने चाहिए, जिससे स्थानीय लोग कुक्कुट एवं मछली पालन को अपनायें तथा स्थानीय स्तर पर समस्याओं एवं अनुभवों को एक-दूसरे से साझा कर सकें।
प्रमुख सचिव, पशुधन डेयरी एवं मत्स्य विकास डा0 सुधीर एम0 बोबडे ने कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य में स्नातक एवं डिप्लोमा किये नौजवानों को इस क्षेत्र में आने के लिये प्रोत्साहित किया एवं कुक्कुट लेयर व ब्रायलर पैरेन्ट के क्षेत्र में कार्य करने के लिए उत्साहित करते हुए अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन एक करोड़ अण्डा अन्य प्रदेशों से आयात किया जा रहा था। उत्तर प्रदेश कुक्कुट विकास नीति के तहत चलाये जा रहे कामर्शियल लेयर फार्मों से प्रतिदिन अतिरिक्त 62 लाख अण्डा उत्पादित किया जा रहा है एवं 100 लाख अण्डे उत्पादित करने के लक्ष्य को जल्द प्राप्त कर लिया जायेगा।
डा0 अनीस अन्सारी अध्यक्ष ब्।त्क् ने अपने सम्बोधन में अवगत कराया कि कुक्कुट उद्यमिता विकास के माध्यम से गरीब जन को रोजगार गाॅव में ही प्राप्त हो जायेगा। तकनीकी सत्र में पशु चिकित्साविदों एवं इन्डस्ट्री से जुडे हुये विशेषज्ञों ने जानकारी उपलब्ध करायी।