लखनऊ: राज्य सरकार ने कुम्भ मेला-2019 के लिए इलाहाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा कराये जाने वाले 8 कार्यों के लिए 1993.68 लाख रुपये की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।
प्रमुख सचिव नगर विकास श्री मनोज कुमार सिंह की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि कुम्भ मेला-2019 के कार्यों के लिए प्रस्तावित कुल लागत 7975.13 लाख रुपये की प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति प्रदान करते हुए इसके सापेक्ष प्रथम किश्त के रूप में 1993.68 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृति की गयी है।
इस धनराशि से चैफटका पुल से खुल्दाबाद चैराहे तक जी0टी0 रोड एवं नाले के सुदृढ़ीकरण एवं रोड वाइडिनिंग का कार्य विद्युत समेत किया जायेगा, जिसके लिए 322.57 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृति की गयी है। इसी प्रकार चैफटका पुल जी0टी0 रोड से राजरूपपुर पुलिस चैकी तक सड़क चैड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण, नाली का निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण तथा डिवाइडर का कार्य विद्युत सहित किया जायेगा, जिसके लिए 457.64 लाख रुपये स्वीकृत किए गये हैं।
राजरूपपुर पुलिस चैकी कौशाम्बी रोड से झलवा तिराहे तक सड़क चैड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण, नाली का निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य हेतु 354.01 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इसी प्रकार खुशरूबाग चैराहे से लूकरगंज पुरानी जी0टी0 रोड तक सड़क चैड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण, नाली का निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य हेतु 173.53 लाख रुपये स्वीकृत किए गये हैं।
इसी प्रकार लीडर रोड (जल संस्थान बाउण्ड्री) खुशरूबाग से जी0टी0 रोड तक सड़क एवं नाले के सुदृढ़ीकरण एवं रोड चैड़ीकरण हेतु 159.02 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं। खुशरूबाग चैराहे से लूकरगंज पुरानी जी0टी0 रोड तक सड़क एवं नाले के सुदृढ़ीकरण कार्य, विद्युत सहित हेतु 173.53 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं। कुम्भ मेला-2019 पार्किंग स्थल हेतु फाफामऊ निकट शांतीपुरम इलाहाबाद-लखनऊ रोड पर फोर लेन अप्रोच मार्ग के निर्माण एवं विकास कार्य, विद्युतीकरण सहित 221.33 लाख रुपये स्वीकृत किए गये हैं। झूंसी रेलवे स्टेशन हेतु पहुंच मार्ग का निर्माण विद्युतीकरण सहित कार्यों के लिए 29.41 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।
शासनादेश के अनुसार कुम्भ मेला-2019 हेतु नैनी में पार्किंग स्थल हेतु लेप्रोसी चैराहे से पहुंच मार्ग के निर्माण हेतु 276.17 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं। स्वीकृत धनराशि मेला अधिकारी इलाहाबाद द्वारा जरूरत के मुताबिक मण्डलायुक्त इलाहाबाद का अनुमोदन प्राप्त कर आहरित की जायेगी। ये सारे कार्य सितम्बर, 2018 तक पूरे करने हैं। शासनादेश में ये भी स्पष्ट रूप से बताया गया है कि कुम्भ मेले के फण्ड से जो कार्य कराया जाये, उसकी पहचान अलग हो, यह अनविार्य रूप से सुनिश्चित किया जाये।