देहरादून: हिमीगिरी जी यूनिवर्सिटी मैं कृषि एवं वानिकी विभाग द्वारा ‘वर्तमान मैं कृषि, वानिकी और इसे संबद्ध विज्ञान में नए तरीकों और चुनौतियां’ विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, सेमिनार का आयोजन साईंस प्लानेट सोसाइटी देहरादून के साथ मिलकर किया गया। देश के अलग-अलग कोनों से आये शोधार्थियों ने कृषि एवं वानिकी से सम्बद्ध विषयों पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। उत्तराखंड राज्य के विभिन्न शोध एवं शिक्षण संस्थानों से आये शोधार्थियों ने ईकोलौजी एवं एग्रीक्लचर के मुख्य विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किये. सेमिनार की एबस्ट्रेक्ट पुस्तिका मैं कुल 91 एबस्ट्रेक्ट सम्मिलित किये गए.
सेमिनार मैं डॉ एम सी नौटियाल, पूर्व डीन रानी चैरी कैम्पस, पंतनगर दिन के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कृषि एवं वानिकी सम्बंधित विभिन्न चुनौतियों पर छात्रों को जागरूक किया। उन्होंने जल ससाधनों की कमी, कृषि योग्य भूमि मैं कमी एवं क्लाईमेट चेंज को आने वाले समय मैं कृषि क्षेत्र के लिए मुख्य चुनौतियाँ बताई. उन्होंने कृषि के विकास के लिए तीन डी पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि वे दृढ़ संकल्प, समर्पण और अनुशासन से आने वाले समय की चुनौतियों से लड़ सकते हैं. सेमिनार के दूसरे प्रमुख स्पीकर, डॉ अजय ठाकुर, विशेषज्ञ, टिशू कल्चर इन प्रोपेगेशन ऑफ ट्रीज, एफआरआई, देहरादून रहे .इस अवसर पर डॉ संजय सचान वैज्ञानिक, केवीके, ढकरानी और श्री हरिराज सिंह परामर्शदाता, जल एवं जल स्त्रोत विकास को भी आमंत्रित किया गया।
सत्र की शुरूआत दीप प्रज्ज्वलन, गणेश वंदना और मुख्य अतिथि के सम्मान के साथ हुई। इस अवसर पर हिमगिरी जी यूनीवर्सिटी के कुलपति डॉ राकेश रंजन ने राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित करने के लिए कृषि एवम वानिकी विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए अन्य विश्वविद्यालयों के विद्वानों, शोधार्थियों और अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ष्इस तरह के सेमिनार एक ज्ञान रुपी समाज बनाने और आने वाले पीढ़ियों को भविष्य के विकास के लिए नए विचार प्रदान करने में लंबा रास्ता तय करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यूनीवर्सिटी में आगामी सत्र में कृषि और वानिकी के क्षेत्र में नए पाठ्यक्रम शुरू किये जायेंगे। आगामी सत्र मैं शुरू होने वाले पाठ्यक्रम में बी एस सी फिशरीज साइंस और मास्टर्स इन फॉरेस्ट्री हैं।
संगोष्ठी में तीन कार्यक्रम आयोजित किए गए थे जिसमें पेपर प्रस्तुति, मॉडल प्रदर्शनी और पोस्टर प्रस्तुति शामिल थी। पोस्टर प्रेजेंटेशन में क्वांटम यूनिवर्सिटी के श्री अनूप बडोनी प्रथम स्थान पर रहे और एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के के एस लावण्या ने द्वितीय स्थान पर रहे।
शोध पत्र प्रस्तुति मैं हिमगिरी जी यूनीवर्सिटी के कृषि विभाग के प्राध्यापक गिडियोन ने प्रथम पुरूस्कार प्राप्त किया. वहीँ छात्र छात्राओं वाली श्रेणियों मैं पन्त नगर विश्वविद्यालय के प्रदीप राम को प्रथम पुरुस्कार प्राप्त हुआ. इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ सुरेश ध्यानी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्री विष्णु माथुर, यूनीवर्सिटी के अन्य प्रमुख सदस्य उपस्थित थे, साथ ही संकाय सदस्यों के साथ उपस्थित थे। इस कार्यक्रम को डॉ। शरद पांडे के प्रयासों से समन्वित किया गया था,
इस कार्यक्रम को सफल बनाने मैं कृषि विभाग के डीन डाक्टर शरद पाण्डे, डाक्टर कनिका चैहान, डाक्टर देवीदीन यादव, डाक्टर ममता खंकरियाल, सोनाली राणा, रेखा रावत, अलोक मिश्रा, सत्येन क्षेत्री, कमल नेगी, शुभम मिश्रा, ऋषिपाल एवं सभी स्वयं सेवियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा.