देहरादून: प्रदेश के कृषि, कृषि विपणन, कृषि प्रसस्करण, कृषि शिक्षा, उद्यान एवं फलोद्योग एवं रेशम विकास मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा कृषि निदेशालय, देहरादून का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कृषि निदेशक एवं अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्य के प्रति सजग रहंे। उन्होंने चेतावनी दी कि कार्य के प्रति किसी भी प्रकार की उदासीनता सहन नहीं की जाएगी। श्री उनियाल द्वारा किसानों के लिए संचालित कृषि विभाग की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। उन्होंने निर्देशित किया कि समस्त अधिकारी एवं कार्मिक समय पर कार्यालय में अपनी उपस्थिति दें और सरकार द्वारा कृषि के क्षेत्र में किसानों के हित में लिए गए निर्णयों का समयबद्धता एवं गुणवत्ता से क्रियान्वयन करें। उन्होंने कृषि निदेशालय में हो रहे नवनिर्माण कार्यों का भी स्थलीय निरीक्षण किया गया और मौके पर निदेशक कृषि गौरीशंकर को निर्देश दिए कि निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता नहीं होनी चाहिए तथा निर्माण कार्य गुणवत्ता युक्त हो। इस दौरान मीडिया को दिये गये साक्षात्कार में कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश की लगभग दो तिहाई आबादी कृषि पर निर्भर हैं। कृषि गाँव में पलायन रोकने का बेहतर माध्यम है। सरकार का प्रयास है, कि कृषि क्षेत्र में केन्द्र सरकार के सहयोग से अभिनव प्रयोग किये जायें, जिसके लिए भूमि की प्रकृति के हिसाब से फसल/फलों के क्लस्टर विकसित करने की कार्ययोजना है, साथ ही बच्चों कृषि के प्रति आकर्षण पैदा करने के लिए जिन विद्यालयों में कृषि भूमि उपलब्ध है। वहाँ पर छात्रों को खेती किसानी गतिविधि से जोड़ने के लिए कक्षा-6,7 एवं 8 में कृषि को अनिवार्य विषय के रूप में शामिल करने की योजना है, तथा कृषि महाविद्यालय खोलने की भी योजना गतिमान है, ताकि यहाँ के छात्रों को कृषि एवं उद्यान के क्षेत्र में युवा वैज्ञानिक के रूप में तैयार किया जाय जो उनके रोजगार का प्रभावी माध्यम बनेगा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा नीति आयोग के समक्ष प्रभावी पहल किये जाने से नीति आयोग द्वारा कृषि सहायता/अनुदान में अलग मानक निर्धारण हेतु 11 पर्वतीय राज्यों कि अलग से बैठक किये जाने का निर्णय लिया गया है।
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