नई दिल्लीः केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के बीच आज नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गये। इसके तहत कृषि विज्ञान केन्द्रों पर नियमित रूप से कौशल विकास प्रशिक्षण के कार्यक्रम आयोजित होंगे। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम कृषि एवं संबंधित विषयों पर ही आधारित होंगे। इसके अलावा, अन्य कृषि विज्ञान केन्द्र जो अन्य कौशल विकास केन्द्र चला रहे हैं, वे उसी रूप में जारी रहेंगे। केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की है कि दोनों मंत्रालयों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ ही परस्पर सहभागिता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। इस अवसर पर श्री सिंह के अलावा राज्य मंत्री परषोतम रुपाला, गजेन्द्र सिंह शेखावत और कृष्णा राज तथा केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा कौशल विकास एंव उदयमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान और राज्य मंत्री श्री अनंत कुमार हेगड़े उपस्थित थे।
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘कौशल भारत से कुशल भारत’ के स्वप्न को साकार करने की दिशा में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने तेजी से कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का मानना है कि कृषि को एक निजी उद्यम के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है और इस दिशा में युवाओं को आकर्षित किए जाने की जरूरत है। श्री सिंह ने युवाओं को कृषि से जोड़े जाने की आवश्यकता बताई। श्री सिंह ने कहा कि केन्द्रीय कृषि मंत्रालय इसके लिए मुख्य रूप से चार स्तरों पर कार्य कर रहा है :-
- उत्पादकता में वृद्धि,
- कटाई उपरांत फसल प्रबंधन तथा किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाया जाना,
- कृषि में जोखिम कम करने की योजनाओं का संचालन,
- किसानों की आमदनी के अन्य साधनों जैसे बागवानी, पशुपालन, मधुमक्खीपालन, डेयरी तथा मत्स्यपालन जैसी गतिविधियों को विकसित करने पर बल ।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में हुए नवीनतम विकास के मद्देनजर युवाओं के लिए कई नए आयाम उभर कर सामने आए हैं। इनमें एग्री-वेयरहाउसिंग, कोल्ड-चेन, सप्लाई-चेन, डेयरी, पोल्ट्री, मत्स्यपालन,बागवानी, कृषि यंत्रीकरण तथा सूक्ष्म सिंचाई शामिल हैं। वर्ष 2016-17 में 100 कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा 8 राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थानों में 200 घंटे की अवधि के 203 कौशल विकास कार्यक्रम इस संबंध में आयोजित किए। इन कार्यक्रमों के माध्यम से 3,549 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत इस पर 3.53 करोड़ रुपये खर्च किए गए। वर्ष 2017-18 में 94 प्रशिक्षण संस्थाओं ने 116 कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करके 2,320 युवाओं को प्रशिक्षण दिए। वर्ष 2017-18 में कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए 2 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि वर्ष 2018-19 में इस राशि को बढ़ाकर 17 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने ग्रामीण क्षेत्र में कृषि आधारित उद्योग का नेटवर्क कम होने के कारण स्वरोजगार और रोजगार का अनुपात शत-प्रतिशत किए जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि भारत कृषि कौशल परिषद (एएससीआई) द्वारा कृषि क्षेत्र में कौशल संबंधी अंतर के विश्लेषण पर राष्ट्रीय तथा राज्य स्तर पर अध्ययन करने की आवश्यकता है।