नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने वित्तीय क्षेत्र में बढ़ते साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे विभिन्न कदमों की समीक्षा हेतु सभी संबंधित एजेंसियों और कुछ विशेष राज्यों के प्रतिनिधियों की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने विशेषकर कार्डों और ई-वालेट का उपयोग कर साइबर धोखाधडि़यों में हो रही व्यापक वृद्धि पर चिंता जताई।
वित्तीय साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए अपनाई जा रही रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की गई। विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों ने इस अवसर पर प्रस्तुतियां दीं और देश में वित्तीय साइबर अपराधों के मौजूदा रुख के साथ-साथ इस चुनौती का सामना करने के लिए अपनी-अपनी एजेंसियों द्वारा उठाए जा रहे कदमों से गृह मंत्री को अवगत कराया।
यह जानकारी दी गई है कि इस स्थिति से निपटने के लिए कानूनी एवं तकनीकी दोनों ही कदम उठाने की जरूरत है। विभिन्न हितधारकों जैसे कि पुलिस अधिकारियों, न्यायिक अधिकारियों और फॉरेंसिक वैज्ञानिकों के साथ-साथ बैंकिंग क्षेत्र के अधिकारियों के भी क्षमता निर्माण को इस दिशा में एक महत्वपूर्ण उपाय माना गया है। महत्वपूर्ण साइबर फॉरेंसिक उपकरण हासिल करने के उपाय के साथ-साथ इस दिशा में लक्ष्य प्राप्ति के लिए इन एजेंसियों में साइबर अपराध निवारण पहलों पर अमल में तेजी लाने का निर्णय लिया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने सभी संबंधित एजेंसियों को समयबद्ध ढंग से आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया और इसके साथ ही उन्होंने सभी संबंधित एजेंसियों के बीच समुचित तालमेल बैठाने पर विशेष जोर दिया। यह निर्णय लिया गया कि इस दिशा में आवश्यक समझे जाने वाले कदमों की पहचान करने और कार्यान्वयन पर करीबी नजर रखने के लिए एक अंतर-मंत्रिस्तरीय समिति का गठन किया जा सकता है।
इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, वित्तीय सेवा विभाग में सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव, खुफिया ब्यूरो के निदेशक, दिल्ली पुलिस के आयुक्त और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक ने भी भाग लिया।