नई दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने नई दिल्ली में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला ‘चिंतन शिविर’ का उद्घाटन किया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य 21वीं सदी के भारत के लिये प्रासंगिक समग्र शिक्षा प्रदान करना और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों, निजी क्षेत्र के मुख्य हितधारकों तथा व्यक्तियों को शिक्षा क्षेत्र के महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने के लिये एकजुट करना है।
इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने कार्यशाला आयोजित करने के लिये मंत्रालय के अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि इसके जरिये हम एक दूसरे के बेहतरीन तरीके सीख सकते हैं। उन्होंने कहा कि कार्यशाला मुख्यरूप से पांच विषयों- डिजीटल शिक्षा, जीवन कौशल शिक्षा, प्रायोगिक अध्ययन, शारीरिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा पर केंद्रीत है।
उन्होंने जानकारी दी कि आगामी वर्षों में देश भर के स्कूलों में ‘ऑपरेशन डिजीटल बोर्ड’ कार्य करने लगेगा। उन्होंने कहा कि सरकार और शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे विभिन्न संगठनों को देश के सभी छात्रों को डिजीटल शिक्षा प्रदान करने लिए सामग्री डालने में सहयोग तथा सामान्य डिजिटल मंच तैयार करना चाहिए। मंत्री महोदय ने कहा कि शारीरिक शिक्षा के बिना शिक्षा अधूरी है। छात्रों को स्वस्थ और तंदुरूस्त रहने के लिए अपनी पसंद के व्यायाम, योग, एरोबिक्स, दौड़ आदि करने चाहिए। मंत्री महोदय ने कहा कि जीवन कौशल शिक्षा तथा नैतिक शिक्षा आज के समय की आवश्यकता है और समग्र विकास के लिए व्यक्ति को अपने व्यवहार में इन्हें जरूर शामिल करना चाहिए।
इस अवसर पर मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री श्री सत्येंद्र पाल सिंह ने कहा कि शिक्षा का ध्येय मनुष्य का संपूर्ण विकास और उसमें मानवता का भाव पैदा करना है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण विकास का मतलब मनुष्य का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और आत्मिक विकास है। श्री सिंह ने कहा कि शारीरिक शिक्षा के ज़रिए मनुष्य का शारीरिक विकास किया जा सकता है वहीं गुणवत्तापरक शिक्षा से बुद्धिमत्ता प्राप्त की जा सकती है। हमें अपने बच्चों को जीवन के मूल्यों और शिक्षा के बारे में बताना चाहिए। उन्होंने आयोजकों का आभार व्यक्त किया और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने “स्कूली शिक्षा में बेहतरीन तौर-तरीके और आविष्कार” से जुड़े सार संग्रह तथा राज्य स्तरीय एनजीओ-सीएसआर पोर्टल “शाला सारथी” का भी उद्घाटन किया।
दो दिवसीय इस कार्यक्रम में 157 संस्थाएं/विशिष्ट प्रस्तुतिकरण के ज़रिए अपने विचार साझा करेंगे। विषय के आधार पर प्रतिभागियों के ग्रुप बनाए जाएंगे और भविष्य की रूप रेखा बनाने के लिए विस्तृत चर्चा होगी जिसे केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
इस अवसर पर स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग में सचिव श्री अनिल स्वरूप, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग की विशेष सचिव श्रीमती रीना राय, सीबीएसई की अध्यक्ष श्रीमती अनीता करवाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।