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केंद्रीय रेल एवं कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने भी सम्‍मेलन को संबोधित किया

Minister of Railways & Coal, Shri Piyush Goyal urged to make India as the nerve centre of innovations and technological advancements
देश-विदेश

नई दिल्ली: उपराष्‍ट्रपति श्री एम.वेंकैया नायडू ने कहा है कि प्रबंधकीय उत्‍कृष्‍टता के साथ प्रौद्योगिकी एक नये पथ की रूपरेखा बना सकती है। वह आज यहां रक्षा अवसंरचना योजना निर्माण एवं प्रबंधन परिषद, रेल मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय एवं नीति आयोग द्वारा आयोजित रेलवे एवं मेट्रो परियोजनाओं 2017 में अंतरराष्‍ट्रीय प्रौद्येगिकी उन्‍नति सम्‍मेलन का उद्घाटन करने के बाद जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय रेल एवं कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल, रेलवे बोर्ड के अध्‍यक्ष श्री अश्‍वनी लोहानी तथा अन्‍य गणमान्‍य व्‍यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

उपराष्‍ट्रपति महोदय ने कहा कि भारत में तेज गति से हो रहे शहरीकरण को देखते हुए तीव्र गतिशीलता एवं टिकाऊ विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी और किफायती परिवहन की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने यह भी कहा कि ‘पारगमन केंद्रित विकास’ जैसी नई अवधारणाओं का प्रयास किया जाना चाहिए तथा उसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए जिससे कि मेट्रो स्‍टेशन के आसपास रहने वाले लोगों के जीवन में व्‍यापक स्‍तर पर सुधार आए।

उपराष्‍ट्रपति महोदय ने कहा कि भारतीय रेल को प्रगतिशील, दक्ष प्रौद्योगिकियों के साथ बहुत सुनियोजित तरीके से विस्‍तार की योजना बनानी चाहिए तथा वर्तमान में दुनिया भर में उपलब्‍ध नवप्रवर्तक प्रचलनों का अनुपालन करने के द्वारा अपने देश की आकांक्षी आबादी की सेवा करनी चाहिए। उन्‍होंने यह भी कहा कि दुनिया भर में सूचना प्रौद्योगिकी की क्रांति आ चुकी है जिसमें भारत का भी काफी बड़ा योगदान रहा है। इससे सिगनल देने, संचार एवं सुरक्षा में दक्षता में बेहतरी आएगी तथा कुशल परिवहन प्रणाली जैसे क्षेत्रों में मदद मिलेगी।

उपराष्‍ट्रपति महोदय ने कहा कि भारतीय लोकाचार में, हम मानते हैं कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जीवन की गुणवत्‍ता बढ़ाने के माध्‍यम हैं और हम कहते हैं कि ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ जिसका अर्थ यह है कि हमारा लक्ष्‍य व्‍यापक रूप से मानवता की भलाई है और हम इस ग्रह के समस्‍त लोगों की प्रसन्‍नता चाहते हैं। उन्‍होंने कहा कि हमारा यह भी विश्‍वास है कि अगर हम नये विचारों एवं अवधारणाओं, जो या तो स्‍वदेशी हैं या बाहर से आई हुई हैं, के प्रति खुले हुए हैं तो यह संभव है।

उपराष्‍ट्रपति महोदय ने उम्‍मीद जताई कि इस दो दिवसीय सम्‍मेलन में की गई चर्चाओं एवं विचार-विमर्शों से कई अत्‍याधुनिक रेल प्रणालियों के त्‍वरित निर्माण में सहायता मिलेगी जिससे अर्थव्‍यवस्‍था तथा भारत और शेष विश्‍व में लोगों के जीवन स्‍तर में बेहतरी आएगी।

इस अवसर पर केंद्रीय रेल एवं कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा ‘शहरी क्षेत्रों में परिवहन की आवश्‍यकता कई गुना बढ़ी है और मेट्रो रेलवे ने परिवहन आवश्‍यकताओं की पूर्ति करने में बड़ी भूमिका निभाई है। नवप्रवर्तनों एवं अनुसंधान के महत्‍व का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि अनुसंधान एवं विकास प्रगति के वाहक हैं और यह पारस्थितिकी प्रणाली का निर्माण करता है जो वैज्ञानिकों को बेहतर उत्‍पादन के लिए निरंतर प्रयास करती रहती है। उन्‍होंने कहा कि हमें उत्‍कृष्‍टता हासिल करने के लिए पारंपरिक सोच की सीमाओं से आगे निकलना होगा। उन्‍होंने कहा कि भारत ने पहले ही जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा एवं एलईडी कार्यक्रम शुरू करने जैसे कार्यकलापों के क्षेत्र में कई बड़े कदम उठाए हैं। उन्‍होंने कहा कि समय आ गया है कि हम विश्‍व का नेतृत्‍व करें। उन्‍होंने भारत को नवप्रवर्तनों एवं प्रौद्योगिकीय प्रगतियों का मुख्‍य केंद्र बनाने का आग्रह किया। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि नवप्रर्वतन एवं प्रौद्योगिकीय उन्‍नति आरंभ करने में फंड की समस्‍या कभी भी कोई बाधा नहीं होनी चाहिए।

उन्‍होंने कहा कि रेल के परिप्रेक्ष्‍य में हमें रात्रि काल में कुहासे के कारण देखने में होने वाली असुविधाओं, बेहतर सिगनलिंग प्रणाली, पटरी बिछाने वाली बेहतर टेक्‍नोलॉजी के लिए प्रौद्योगिकियां प्राप्‍त करने की दिशा में काम करना चाहिए। हमें सामूहिक रूप से इस दिशा में कार्य करने की आवश्‍यकता है और आरडीएसओ जैसे संस्‍थान वांछित लक्ष्‍य हासिल करने के लिए डीआरडीओ, इसरो जैसे अन्‍य अनुसंधान संस्‍थानों के साथ सहयोग कर सकते हैं। हमें अपने प्रयासों में तेजी लाने और हरेक पहलू से बेहतर कार्य करने की आवश्‍यकता है। हमें यह देखने के लिए कार्य करना चाहिए कि क्‍या हम कोचों की बेहतर डिजाइनिंग, बेहतर लोकोमोटिव, बेहतर सिगनलिंग प्रणाली एवं अन्‍य संबंधित गतिविधियों की दिशा में कार्य कर सकते हैं। हमें निश्चित रूप से सैन्‍य इंजीनियरिंग सेवा के कार्मिकों के साथ सहयोग करना चाहिए जो बेहद उत्‍साह से देश की सेवा के कार्य में लगे हैं। हमें देश के भविष्‍य के लिए सार्वजनिक सेवा में एकजुटता, सहयोग के जरिये कार्य करने की आवश्‍यकता है। हमें आगे बढ़कर कार्य करना होगा। भारतीय रेल को बेहतर सुविधाओं के साथ सुरक्षित, समयबद्ध तथा दक्ष सेवा देने के प्रति प्रतिबद्धता से कार्य करने की आवश्‍यकता है।’

सार्वजनिक जीवन में उपराष्‍ट्रप‍ति, जो कि इस कार्यक्रम के मुख्‍य अतिथि थे, के योगदान का जिक्र करते हुए श्री पीयूष गोयल ने कहा कि श्री वेंकैया नायडू जी पिछले 40 वर्षों से लोगों, विशेष रूप से किसानों एवं आम व्‍यक्तियों के कल्‍याण के लिए लगातार कार्य करते रहे हैं।

रेलवे बोर्ड के अध्‍यक्ष श्री अश्‍वनी लोहानी ने कहा कि व्‍यापक शहरीकरण के कारण गतिशीलता आवश्‍यकताओं में कई गुना वृद्धि हुई है। इसकी वजह से भीड़-भाड़ वाले हमारे शहरों में मेट्रो का निर्माण करना तथा रेल अवसंरचना को मजबूत बनाना अनिवार्य हो गया है। उन्‍होंने कहा कि इस सम्‍मेलन से नये प्रौद्योगिकीय विचार एवं नवप्रवर्तन सामने आएंगे और भारतीय रेल को वर्तमान युग से भविष्‍य की दिशा में प्रगति करने में इनमें से कुछ विचारों को अंगीकार करने में मदद करेंगे।

नीति आयोग के सदस्‍य तथा डीआईपीएम सोसायटी के मुख्‍य संरक्षक डॉ. वी.के.सारस्‍वत ने कहा कि इस सम्‍मेलन में सर्वश्रेष्‍ठ वक्‍ता हैं जो न केवल अपने विषयवस्‍तु के विशेषज्ञ हैं बल्कि जिनकी रेल और मेट्रो प्रौद्योगिकियों, कार्यान्‍वयन एवं समाधान के क्षेत्र में भी गहरी समझ है।

सम्‍मेलन के आयोजन समिति के अध्‍यक्ष एवं रेल बोर्ड के पूर्व सदस्‍य श्री केशव चंद्र ने इस अवसर पर सम्‍मेलन के उद्देश्‍यों को रेखांकित किया।

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