नई दिल्ली: वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने सार्वजनिक खरीद और ठेके देने में प्रक्रियागत निष्पक्षता की अहमियत पर विशेष जोर दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि इसे पारदर्शिता और निष्पक्षता के जरिए सुनिश्चित किया जा सकता है जिसकी बदौलत कोई भी सरकार कीमत, गुणवत्ता और सेवा मुहैया कराने के मामले में अपने नागरिकों के सर्वोत्तम हित में काम करने में समर्थ हो जाती है। उन्होंने कहा कि इससे सार्वजनिक खरीद में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार से बचने में भी मदद मिलती है। वित्त मंत्री ने विभिन्न कदमों के जरिए सार्वजनिक खरीद में और ज्यादा पारदर्शिता, निष्पक्षता एवं दक्षता सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए विशेष कदमों पर प्रकाश डाला। इन कदमों में आम उपयोग वाली वस्तुओं की ऑनलाइन खरीद के लिए सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) को लांच करना भी शामिल है। वित्त मंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि सार्वजनिक खरीद के लिए सरकार के अपने नियम-कायदे होने के अलावा सरकार में विभिन्न स्तरों पर जवाबदेही को और दुरुस्त किया गया है। वित्त मंत्री नई दिल्ली में पांचवें दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सार्वजनिक खरीद सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद आरम्भिक भाषण दे रहे थे। उन्होंने पिछली शताब्दी में सार्वजनिक खरीद के क्षेत्र में हुए विकास को रेखांकित किया और नागरिकों के व्यापक हित में लोकतांत्रिक समाज में सार्वजनिक सेवाएं मुहैया कराने में इसकी अहमियत पर विशेष जोर दिया। श्री जेटली ने कहा कि दक्षिण एशिया क्षेत्र ही सर्वाधिक तेजी से विकास कर रहा है, इसलिए ऐसे में सार्वजनिक खरीद की प्रासंगिकता सभी के लिए विशेष मायने रखती है। श्री जेटली ने इस सम्मेलन की सफलता की कामना की और उम्मीद जताई कि इस दौरान होने वाले विचार-विमर्श आपसी हितों को ध्यान में रखकर किए जाएंगे और इससे सभी प्रतिभागी लाभान्वित होंगे। श्री जेटली ने अपने संबोधन की समाप्ति पर उन सर्वोत्तम तौर-तरीकों में अपनी रुचि दिखाई जो प्रतिभागियों के बीच होने वाले विचार-विमर्श से उभर कर सामने आएंगे। उन्होंने इस तरह के सम्मेलन के आयोजन के लिए विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और अन्य साझेदारों को बधाई दी।
इस सम्मेलन में विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, इस्लामिक विकास बैंक (आईडीबी) एवं अन्य एजेंसियों के प्रतिनिधियों के अलावा दक्षिण एशियाई देशों के वरिष्ठ अधिकारीगण भी भाग ले रहे हैं। इससे पहले व्यय सचिव श्री अजय नारायण झा ने इस अवसर पर स्वागत भाषण दिया। वित्त मंत्रालय के सार्वजनिक खरीद प्रभाग (पीपीडी) के जरिए भारत सरकार और अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (एआईएमए) इस सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं।
इस सम्मेलन का उद्देश्य आठों दक्षिण एशियाई देशों के सार्वजनिक खरीद प्रमुखों और अन्य महत्वपूर्ण हितधारकों को एक-दूसरे के साथ-साथ सार्वजनिक खरीद के क्षेत्र के विशेषज्ञों से भी भेंट करने और सीखने का अवसर प्रदान करना है। इस तरह से प्राप्त ज्ञान से विभिन्न दक्षिण एशियाई देशों की सरकारों को अपने यहां सार्वजनिक खरीद प्रणालियों को बेहतर करने एवं अभिनव कदम उठाने, सार्वजनिक संसाधनों का कुशल उपयोग करने, सेवाओं की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने और समय पर सेवाएं उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। इस सम्मेलन का आयोजन दक्षिण एशिया क्षेत्र सार्वजनिक खरीद नेटवर्क (एसएआरपीपीएन) के तत्वावधान में किया जा रहा है, जिसे विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और इस्लामिक विकास बैंक द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है।
पहला सम्मेलन वर्ष 2010 में काठमांडू में, दूसरा सम्मेलन वर्ष 2014 में इस्लामाबाद में, तीसरा सम्मेलन वर्ष 2015 में ढाका में और चौथा सम्मेलन वर्ष 2017 में श्रीलंका में आयोजित किया गया था। इन सभी सम्मेलनों से ज्ञान का आपस में आदान-प्रदान करने के साथ-साथ एक-दूसरे से सीखने के उद्देश्यों की पूर्ति करने में भी मदद मिली है।
पांचवां दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सार्वजनिक खरीद सम्मेलन 5 से लेकर 7 फरवरी, 2018 तक नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन के दौरान भी एसएआरपीपीएन के उस अत्यंत महत्वपूर्ण लक्ष्य को ध्यान में रखा जाएगा, जिसके तहत दक्षिण एशिया क्षेत्र के सार्वजनिक खरीद प्रमुखों और खरीद से जुड़े प्रोफेशनलों को एक ज्ञान प्राप्ति एवं नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म प्रदान किया जा रहा है, ताकि वे संबंधित विषयों पर अपने ज्ञान एवं अनुभवों का आदान-प्रदान कर सकें। इससे इन प्रमुखों को अपने यहां सार्वजनिक खरीद प्रणालियों को बेहतर करने में मदद मिलेगी।
पांचवें सम्मेलन की थीम है ‘सार्वजनिक खरीद और सेवाएं मुहैया कराना’। यह थीम बिल्कुल उपयुक्त एवं सामयिक है, क्योंकि इस क्षेत्र के सभी देशों की सरकारें उच्च गुणवत्ता वाली सार्वजनिक सेवाएं समय पर अवश्य उपलब्ध कराने के लिए अपने यहां सार्वजनिक खरीद को बेहतर करने के लिए प्रयासरत हैं। दक्षिण एशिया क्षेत्र के सभी आठों देश विभिन्न वस्तुओं, कार्यों और सेवाओं की सार्वजनिक खरीद पर लगभग 550 अरब अमेरिकी डॉलर के समतुल्य राशि खर्च करते हैं, जो अंतत: सार्वजनिक सेवाओं में तब्दील हो जाती हैं।
इस सम्मेलन में लगभग 100 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं, जिनमें सार्वजनिक खरीद के लिए उत्तरदायी माने जाने वाले वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं।