नई दिल्ली: नाबार्ड द्वारा वित्तीय समावेश की अग्रणी पहल स्वयं सहायता समूह बैंक लिंकेंज कार्यक्रम (एसएचजी) इस वर्ष अपनी स्थापना के 25 साल पूरे कर रहा है। एसएचजी नाम के इस कार्यक्रम को स्वयं प्रबंधित संस्थानों के माध्यम से ग्रामीण गरीबों मुख्य रूप से महिलाओं को बचत और ऋण सेवाएं प्रदान करने के लिए तैयार किया गया था। नाबार्ड ने अपने 36वें स्थापना दिवस के स्मरणोत्सव को एसएचजी बैंक लिंकेंज कार्यक्रम की रजत जयंति मनाने के लिए समर्पित किया गया है। 1992 में अपने शुरूआती चरण के बाद से अब तक एसएचजी ने 10 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को कवर किया है। 31 मार्च, 2017 को बैंक में इन समूहों की 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक की बचत राशि थी और इस राशि से दुगना धन उनके आंतरिक ऋण देने के लिए था। यह कार्यक्रम गरीब महिलाओं के लिये मुख्य धारा की बैंकिंग प्रणाली से सामान्य ब्याज दर पर 61 हजार करोड़ रुपये तक का जमानत मुक्त ऋण उपलब्ध कराने में अधिक प्रभावी है। इस जन-आंदोलन में 8.5 करोड़ से अधिक ग्रामीण महिलाओं की प्रत्यक्ष भागीदारी के साथ नाबार्ड कल यानि 11 जुलाई, 2017 को राष्ट्रीय राजधानी के विज्ञान भवन में एसएचजी बीएलपी की रजत जयंति मना रहा है।
केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे।इस अवसर पर केंद्र और राज्य सरकारों तथा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा एसएचजी बैंक लिंकेंज कार्यक्रम को विश्व का सबसे बड़ा कार्यक्रम बनाने में नाबार्ड के सहयोगी बैंकों, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित होंगे।
इस अवसर पर नीति निर्माताओं, विचारधारा बनाने वालों, स्वयं सहायता को बढ़ावा देने वाले संस्थानों, बैंकों और इस अवधारणा को अपनाने वाली महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा।