नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द हो सकती है. इस संबंध में चुनाव आयोग ने आज अपनी एक सिफारिश राष्ट्रपति को भेजी है, जिसमें विधायक रहते हुए उनके संसदीय सचिव बनने की बात कही गयी है. इस पर अब अंतिम फैसला राष्ट्रपति को लेना है. यह मामला लाभ के पद का बताया जाता है. मार्च 2015 में आम आदमी पार्टी के 21 विधायक संसदीय सचिव बने थे.
चुनाव आयोग की आज इस मुद्दे पर बैठक हुई, जिसमें इन्हें अयोग्य माना गया. इसके आधार पर आयोग ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अंतिम निर्णय के लिए अपनी अनुशंसा भेज दी है.
इस संबंध में याचिकाकर्ता ने राष्ट्रपति से लाभ का पद का मामला बताते हुए विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. याचिककर्ता का कहना है कि राष्ट्रपति का कोई फैसला लाभ के पद के मामले में आता है तो उसे सुप्रीम कोर्ट में सुनौती नहीं दी जा सकती है.
वर्तमान में आम आदमी पार्टी के 66 विधायक है और दिल्ली विधानसभा में बहुमत के लिए 36 विधायकों की जरूरत पड़ती है.
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