नई दिल्ली: केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने नई दिल्ली में शैक्षिक संस्थानों के लिए ‘भारत रैंकिंग 2017’ जारी किया और इसे देश को समर्पित किया। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह कदम पूरे देश के छात्रों के लिए शिक्षा की गुणवत्ता में परिवर्तन लाने की हमारी सरकार की प्रतिबद्धता की अगली कड़ी है जिसके लिए हम निरंतर काम कर रहे हैं। श्री जावड़ेकर ने कहा कि इस रैंकिंग से संस्थाओं के बीच उत्कृष्टता प्राप्त करने हेतु उचित प्रतिस्पर्धा की शुरुआत होती है। इससे हमने किसी भी संदेह से परे सफलता अर्जित की है और आगे बढ़ने के लिए बाध्य भी है।
मंत्री जी ने कहा कि मंत्रालय के अधीन कार्य कर रहे नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) द्वारा जारी रैंकिंग चार्ट पर किसी ने भी उंगली नहीं उठाया है। और यह निर्धारित मूल्यों पर अपने को सही साबित कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि आज तक एनएएसी और एनबीए का शैक्षिक संस्थानों के आकलन करने के लिए उपयोग किया जाता था लेकिन अब हमारी सरकार ने पारदर्शिता और विश्वसनीयता लाने के लिए एक अद्वितीय परिवर्तन किया है।उन्होंने कहा कि संस्थानों के अलावा अब माता-पिता और छात्रों को भी किसी विशेष विश्वविद्यालय, महाविद्यालय या व्यावसायिक संस्थान की रैंकिंग और गुणवत्ता के बारे में जानकारी भी मिलेगी। इससे हमारे प्रत्यय पत्र की वैश्विक स्केलिंग बढ़ गई है।
इस अवसर पर मंत्री जी ने घोषणा किया कि सरकार गुणवत्ता प्रदान करने वाले शिक्षा संस्थानों को अधिक सहायता प्रदान करेगी। यह नीति में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन है और इससे सभी संस्थानों को अपना प्रदर्शन और उत्कृष्टता बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा।
प्रस्तुत किए गए शोध पत्रों की संख्या, प्राप्त पेटेंट और परिसर प्लेसमेंट के आंकड़े भी सरकारी सहायता पाने के लिए महत्वपूर्ण होंगे।उन्होंने कहा कि सार्वजनिक धारणा, नियोक्ता की धारणा और शैक्षिक धारणा को भी महत्व प्रदान किया जाएगा।
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डॉ महेन्द्र नाथ पांडे ने अपने संबोधन में कहा कि इससे पारदर्शिता और जवाबदेही की भावना पैदा की है और इसका एकमात्र उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को आगे बढ़ना है।
उच्च शिक्षा सचिव श्री के के शर्मा ने ‘भारत रैंकिंग 2017’ पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि रैंकिंग के इस दूसरे संस्करण में कुल 2995 संस्थानों ने भाग लिया है। इसके अंतर्गत 232 विश्वविद्यालयों, 1024 प्रौद्योगिकी संस्थानों, 546 प्रबंधन संस्थानों, 318 फार्मेसी संस्थानों तथा 637 सामान्य स्ऩातक महाविद्यालयों और अन्य शामिल हैं।